झोलाछाप डॉक्टरों के पास पहुंच रहे बुखार के हर तीसरे मरीज
मझौली।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली में स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण आस पास क्षेत्र में डेंगू बुखार का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है।
निजी अस्पतालों में बुखार से पीड़ित हर तीसरे मरीज में डेंगू के लक्षण मिल रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग डेंगू से बचाव और रोकथाम के लिए एडवायजरी जारी कर औपचाकिता निभा रहा है।
जमीनी स्तर पर किसी तरह का कोई कार्य नहीं किया जा रहा है।
मझौली नगर के अंदर ही ऐसे कई स्थान हैं पर जलभराव है। ऐसे ही स्थानों में डेंगू का मच्छर पनपता है।
जिसके बाद उसके काटने से डेंगू फैलता है। ऐसे स्थानों में दवा का छिड़काव तक नहीं किया गया है।
नालियों में भी दवा का छिड़काव नहीं किए जाने से मच्छर पन रहे हैं। जिसके कारण डेंगू सहित मौसमी बीमारियों से लोग पीड़ित हैं।
डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एडवायजरी जारी की है। जिसमें कहा गया है कि वर्तमान में डेंगू मलेरिया के बचाव और नियंत्रण के लिए अपने घर परिसर, आसपास पानी इकट्ठा नहीं होने दें।
छत पर रखी पानी की खुली टंकियां, टूटे बर्तन, मटके, कुल्हड़, गमले में पानी एकत्रित नहीं होने दें।
बेकार फेंके हुए टायरों में एकत्रित जल में भी डेंगू और मलेरिया का मच्छर पनपता है, लिहाजा टायरों में पानी नहीं भरने दें। मच्छरों के काटने से बचने के लिए लंबी बाजू के कपड़े और मोटे पैंट, मोज़े और सुरक्षितं जूते पहनें।
स्वास्थ्य विभाग ने बताया है कि डेंगू बुखार के दौरान तेज़ बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी आना, आंखों में दर्द होना, विभिन्न अंगों में सूजन, पेट दर्द, लगातार उल्टी होना, मसूड़ों, नाक से खून आने के लक्षण दिखाई देते हैं।