संबंधित अधिकारियों की कार्यशाला सम्पन्न।
इंदौर
इंदौर जिले में एनीमिया से ग्रसित बच्चों की जांच एवं उनके उपचार के लिये अभियान चलाया जायेगा। दस्तक नाम से संचालित यह अभियान आगामी 30 जनवरी से प्रारंभ होकर 29 फरवरी 2024 तक चलेगा। इस संबंध में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार विभाग, जिला महिला एवं बाल विकास विभाग एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्त्वाधान में एनीमिया मुक्त भारत एवं दस्तक अभियान संबंधी कार्यशाला का गत दिवस यहां आयोजन किया गया।
एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम् के अंतर्गत पोषण, आईएफए सिरप एवं गोलियों के लाभ, सामान्य सहप्रभाव एवं भ्रांतियों से मुक्ति, आईएफए सिरप एवं गोलियों की उपलब्धता, मॉनिटरिंग तथा आपसी समन्वय पर विस्तार से चर्चा हुई। एनीमिया होने से बच्चे का विकास बाधित होता है, सामान्य सीखने की प्रकिया प्रभावित होती है। 06 माह से 19 वर्ष तक के बच्चों को आयु अनुसार खुराक दी जाती है। इसकी सघन मॉनिटरिंग की आवश्यकता है। जिले में 30 जनवरी से 29 फरवरी 2024 तक दस्तक अभियान का प्रारंभ किया जा रहा है। इसमें 9 माह वे 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन A का अनुपुरन किया जायेगा। सीएनएनएस 2018 के सर्वे के अनुसार मध्यप्रदेश मे 20 प्रतिशत बच्चों में विटामिन-ए की कमी पाई गई है, विटामिन-ए अनुपूर्ण से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है, आँखों की रोशनी, त्वचा व श्वासन तंत्र मजबूत बनता है।
इसी अभियान के अंतर्गत दस्तक के प्रथम चरण में 0-5 वर्ष तक के चिन्हित एनेमिक बच्चों की हिमोग्लोबिनो मीटर से जांच एवं प्रबंधन किया जाएगा। समस्त गर्भवतियों का हीमोगोलोबिनो मीटर से जांच की जाएगी। टेस्ट., ट्रीट एवं टॉक की रणनीति बनाकर एनीमिया से ग्रसित महिलाओं का एनीमिया मैनजमेंट किया जाएगा। प्रसूता व धात्री माताओं पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा, पोषण परामर्श, सामुदायिक बैठको एवं सेवा प्रदाता सत्रों पर दिया जाएगा।
कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे