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Friday, June 20, 2025

जबलपुर में भी होने लगी सुपर ग्रेन क्विनोआ कि खेती

पाटन के ग्राम भरतरी के किसान ने 70 एकड़ में लगाया क्विनोआ

जबलपुर

जिले में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा किसानों को फसल विविधीकरण एवं नवाचार के लिए लगातार प्रेरित किया जा रहा है। इसके फलस्वरुप किसान न केवल प्राकृतिक और जैविक कृषि को अपनाने आगे आ रहे हैं बल्कि वे पारम्परिक की अपेक्षा ऐसी किस्मों की फसल भी ले रहे हैं जिनसे उन्हें अच्छा लाभ अर्जित हो सके। कम लागत में अधिक मुनाफ़ा देने वाली चिया और स्टीविया के बाद अब जिले में क्विनोआ की फसल लेने की शुरुआत कर दी गई है।

सुपर ग्रेन या सुपर फ़ूड कहे जाने वाले क्विनोआ की फसल पाटन विकासखंड के भरतरी गांव के प्रगतिशील किसान दुर्गेश पटेल ने 70 एकड में लगाई है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के अधिकारियों ने गत दिवस किसान दुर्गेश पटेल द्वारा की जा रही क्विनोवा कि खेती का अवलोकन किया। क्विनोआ को किनवा के नाम से भी जाना जाता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल नास्ते के रूप में होता है और इसे बनाना भी आसान होता है। क्विनोआ के पौधे की पत्तियाँ भी सलाद के रूप में इस्तेमाल की जा सकती हैं। आमतौर पर क्विनोआ को दक्षिणी अमेरिका की फसल माना जाता है लेकिन कुछ वर्षों से हमारे देश में भी इसकी खेती की जाने लगी है। दूसरे अनाज की तरह यह भी एक अनाज ही है और सभी नौ जरूरी अमीनो एसिड्स को मिलाकर यह प्रोटीन का पूरा रुाोत होता है।

क्विनोआ पर हुए कई शोधों से पता चला है कि प्रोटीन्स, विटामिन, मिनरल्स एवं आयरन सहित इसमें एंटी सेप्टिक, एंटी कैंसर, एंटी एजिंग के गुण भी होते हैं। ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने और वजन कम करने में भी यह कारगर आहार है। यह शरीर में खून की कमी को भी दूर करता है साथ ही आस्टियोपोरोसिस, गठिया और दिल के रोगियों के लिए भी फायदेमंद है। बताया जाता है कि क्विनोआ का सेवन करने वाले लोगों में त्वचा की समस्या कम देखने मिलती है। यह बढ़ती उम्र के असर को भी कम करता है। इसमें मौजूद एंटी सेप्टिक गुण त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। क्विनोआ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित होता है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है। यह फाईबर का भी अच्छा स्त्रोत है जो आसानी से पच जाता है, साथ ही दूसरे अनाज को भी पचाने में मदद करता है। क्विनोआ कोलस्टेरोल लेवल को भी बनाये रखने में मदद करता है। इसमें विटामिन ई, विटामिन बी, कैल्सियम एवं फेनोलिक एसिड जैसे कई और भी पोषक तत्व होते हैं। क्विनोआ के इन्हीं गुणों के कारण इसे सुपर फूड कहा जाता है। इसकी खूबियों और इसमें मौजूद पोषक तत्वों को देखते हुए इसे लोकप्रिय बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ने वर्ष 2013 को क्विनोआ वर्ष के रूप में घोषित किया था ।

कृषक दुर्गेश पटेल ने बताया कि पारंपरिक तरीके से खेती करने में उन्हें ज़्यादा लाभ नहीं मिल रहा था। इसलिए इस बार उन्होंने क्विनोवा फसल कि खेती करने का निर्णय लिया है, ताकि उन्हें पारंपरिक खेती की तुलना में अधिक उत्पादन एवं आर्थिक लाभ मिल सके। दुर्गेश के अनुसार उन्होंने अपने खेत में अक्टूबर माह में छिटकवा विधि से 3 किलोग्राम बीज प्रति एकड की दर से सफेद क्विनोवा लगाया था। यह बीज नीमच से मंगाया गया था। वर्त्तमान समय में उनकी फसल दाने भरने की अवस्था में है। उन्होंने बताया कि मण्डी में क्विनोवा का भाव औसतन 6 हजार रूपए प्रति क्विंटल रहता है। फसल कटाने के बाद उन्हें लगभग 10 क्विंटल प्रति एक एकड़ उत्पादन मिलने की संभावना है। क्विनोवा लगाने में उन्हें लगभग 15 हजार रूपये प्रति एकड की लागत आई है एवं कुल 60 हजार रूपये उनको प्राप्त होगा एवं लगभग 45 हजार रूपये प्रति एकड लाभ मिलने की संभावना है।

कृषक दुर्गेश पटेल ने बताया कि क्विनोवा कि खेती में किसी तरह के कीट एवं बीमारियों का प्रकोप नहीं होता है और जानवर भी इसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। इस कारण फसल उत्पादन में किसी प्रकार का रासायनिक पदार्थ उपयोग नहीं किया जाता है जिससे अन्य फसलों की अपेक्षा क्विनोवा की खेती में लगने वाली लागत भी कम होती है। उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास डॉ एस के निगम के मुताबिक़ बंजर, मैदानी एवं पथरीली भूमि भूमि में भी क्विनोवा के खेती की सकती है। डॉ निगम ने बताया कि जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविघालय में भी इस पर प्रयोग हो रहे हैं। यह फसल सूखे के प्रति और ठंड पाले से सहनशील है तथा इसमें पानी की भी कम आवश्यकता होती है।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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