म.प्र. गौ-पालन एवं पशुधन संवर्द्धन बोर्ड (गौ-संवर्द्धन बोर्ड) की कार्य परिषद् के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने बताया है
जबलपुर
प्रदेश शासन की किसानों की फसल सुरक्षा एवं गौ-वंश संरक्षण नीति अन्तर्गत प्रदेश के जबलपुर, मंदसौर, रायसेन, टीकमगढ़ और खरगौन सहित 5 जिलों में गौ-मार्ग का निर्माण शुरू हो गया है। इन सभी 5 जिलों में वन क्षेत्र के समीप राजस्व भूमि चिन्हित कर उनमें गौ-वंश वन्य विहार विकसित करने एवं निराश्रित गौ-वंश की आवासीय व्यवस्था के लिये “काऊ शेड” निर्माण का शुभारम्भ किया गया है।
रीवा जिले के पुर्वा सेमरिया के बसावन, मामा नामक स्थान पर 51 एकड़ भूमि का चयन और उसे गौ-संरक्षण केंद्र के लिये आवंटित कर जहाँ 2017 में अधो-संरचनाओं का कार्य आरम्भ किया गया था, जो लगभग पूर्ण हो गया है। जिसका “गौ-वंश वन्य विहार” के रूप में भव्य लोकार्पण अक्टूबर में हो गया है। इस गौवंश वन्य विहार में 6 हजार गौ-वंश को आश्रय दिया गया है। प्रदेश के सभी जिलों में “जिला गौ-पालन एवं पशुधन संवर्द्धन” समितियों को जिले में गौ-वंश के समक्ष उपस्थित समस्या के समाधान हेतु गोठान निर्माण के लिये “गौ-संवर्द्धन बोर्ड” द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं। “गौ-वंश वन्य विहार” में कार्य आरंभ करने वाले जिलों में प्रारम्भिक अधो-संरचना के लिये आर्थिक सहायता “गौ-संवर्द्धन बोर्ड” ने अपनी ओर से भेज दी है। गौ-वंश वन्य विहारों में कार्य विस्तार की दृष्टि से “मनरेगा” से सहायता देने का अनुरोध किया गया है।