विधानसभा चुनाव की मतगणना में जितनी मतगणना टेबल होगी उतने ही मतगणना एजेन्ट उम्मीदवार द्वारा नियुक्त किए जा सकेंगे। उम्मीदवारों को रिटर्निंग ऑफिसर की टेबल पर मतगणना के अवलोकन के लिए भी एक काउंटिंग एजेंट की नियुक्ति की अनुमति होगी।
जबलपुर
इस तरह किसी भी उम्मीदवार द्वारा सामान्यतः अधिकतम 15 काउंटिंग एजेंट की नियुक्ति की जा सकेगी। इसके अलावा उम्मीदवार उस स्थान पर भी अपना गणना अभिकर्ता नियुक्त कर सकेगा जहां डाकमत पत्रों की गिनती की जायेगी।
निर्वाचन आयोग के अनुसार रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा नियत तारीख से कम से कम एक सप्ताह पहले प्रत्येक उम्मीदवार एवं उसके निर्वाचन अभिकर्ता को उस स्थान की, जहाँ मतों की मतगणना की जाएगी तथा उस तारीख व समय की जब मतगणना प्रारंभ होगी, लिखित सूचना दी जायेगी, जिससे उम्मीदवार अपने मतगणना एजेन्ट की नियुक्ति कर सके। मतगणना एजेन्ट की नियुक्ति स्वयं उम्मीदवार अथवा उसके निर्वाचन एजेन्ट द्वारा की जाएगी। “निर्वाचनों का संचालन” 1961 के प्रारूप 18 के तहत ऐसी नियुक्ति की जाएगी। इस प्रारूप में मतगणना एजेन्ट का नाम और पता होगा। प्रारूप में उम्मीदवार अथवा उसके निर्वाचन अभिकर्ता के हस्ताक्षर होंगे। सभी मामलों में एजेन्ट की फोटो सहित प्रारूप की दो प्रतियाँ तैयार की जाएगी तथा उन पर हस्ताक्षर किये जायेंगे। प्रारूप की एक प्रति उम्मीदवार द्वारा रिटर्निंग ऑफिसर को भेजी जाएगी, जबकि दूसरी प्रति मतगणना एजेन्ट को दी जाएगी, जो वह रिटर्निंग ऑफिसर के सामने प्रस्तुत करेगा।
मतगणना में कोई भी उम्मीदवार अपने मतगणना एजेन्ट की नियुक्ति प्रारूप 18 में एक ही नियुक्ति पत्र द्वारा कर सकता है। उस दशा में सभी मतगणना एजेन्टों से यह अपेक्षा की गई है कि वे उस नियुक्ति पत्र पर नियुक्ति की स्वीकृति के रूप में हस्ताक्षर करें। उम्मीदवार को ऐसे मतगणना एजेन्टों की फोटो सहित सूची रिटर्निंग ऑफिसर को मतगणना के लिए नियत तारीख के तीन दिन पहले शाम 5 बजे तक अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करनी होगी। रिटर्निंग ऑफिसर सूची मिलने पर प्रत्येक एजेन्टों के लिए पहचान पत्र तैयार करवायेंगे।
रिटर्निंग ऑफिसर को यह शक्ति भी दी गई है कि मतगणना हॉल में प्रवेश के पूर्व मतगणना एजेन्ट की जाँच कर सके। मतगणना एजेन्ट एक बार मतगणना हॉल में प्रवेश करने के बाद बाहर नहीं जा सकेंगे। गणना केन्द्रों में मतदान एजेन्ट को मोबाईल ले जाने की अनुमति नहीं होगी।