अधिकारियों–कर्मचारियों की मिलीभगत से करोड़ों के निर्माण कार्य टेंडर पार्षद परिवार के नाम
मझौली (जबलपुर)
नगर परिषद मझौली एक बार फिर भ्रष्टाचार के कारण सुर्खियों में है। ताज़ा मामला करोड़ों रुपये के निर्माण कार्यों के टेंडर का है, जिन्हें नगर परिषद कार्यालय में कार्यरत अधिकारी–कर्मचारियों की सांठगांठ से सीधे पार्षद परिवार के नाम कर दिया गया।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, नगर परिषद द्वारा जारी किए गए कई निर्माण कार्यों के टेंडर में पारदर्शिता नहीं बरती गई।
टेंडर प्रक्रिया में प्रतियोगिता समाप्त कर दी गई।
योग्य ठेकेदारों को दरकिनार करते हुए पार्षद परिवार से जुड़े ठेकेदारों को अनुचित लाभ दिया गया।
इस प्रक्रिया से नगर परिषद पर करोड़ों का वित्तीय बोझ बढ़ने की आशंका है।
नगरवासियों का कहना है कि
नगर परिषद हर बार विकास के नाम पर भ्रष्टाचार करती है।
योजनाओं का लाभ जनता तक पहुँचने के बजाय राजनीतिक परिवारों तक सीमित हो गया है।
पार्षद परिवार और अफसरों की मिलीभगत से “घोटाले का सिंडिकेट” चल रहा है।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।