किसान भाई डीएपी के स्थान पर एनपीके मिश्रित खाद का करें उपयोग
कटनी –
कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसान भाईयों को डीएपी खाद के स्थान पर एनपीके मिश्रित खाद के उपयोग के संबंध में सलाह दी गई है। किसानों को बताया गया है कि वर्तमान में डीएपी उर्वरकों का उपयोग अनुशंसित मात्रा से अधिक हो रहा है, जिससे जमीन की उर्वरा क्षमता धीरे-धीरे कम होती जा रही है। क्योंकि किसानों द्वारा निरंतर अत्यधिक मात्रा में डीएपी उर्वरक का उपयोग किया जा रहा है।
कृषि विज्ञान केन्द्र पिपरौंध के कृषि वैज्ञानिक डा आर पी बेन ने बताया कि डीएपी उर्वरक में फास्फोरस तत्व अधिक मात्रा में होने से फास्फोरस एक ही स्थान पर जमीन में पड़ा रहता है और फसल के पौधे इस तत्व का संपूर्ण उपयोग नहीं कर पाते हैं।
जमीन में फास्फोरस अधिक मात्रा में संग्रहित होने के कारण जमीन की उर्वरा शक्ति भी धीरे-धीरे कम होती जाती है। इसलिए डीएपी उर्वरक के स्थान पर किसानों द्वारा एनपीके उर्वरक का उपयोग करना अच्छा उपाय है। इससे फसलों का उत्पादन अधिक होने के कारण जमीन भी खराब नहीं होगी। एनपीके के उर्वरक में सभी तत्व समान मात्रा में होने और फसल की आवश्यकतानुसार मात्रा में होने के कारण फसल इसका संपूर्ण उपयोग कर लेती है और जमीन में अतिरिक्त तत्वों का संग्रहण भी नहीं होता। साथ ही फसल की उत्पादकता भी अच्छी होती है।
किसान भाइयों द्वारा फसल की उर्वरक पूर्ति के दृष्टिगत डीएपी उर्वरक के स्थान पर एनपीके, नैनो डीएपी एवं नैनो यूरिया उर्वरक का उपयोग किया जा सकता है।