मझौली वासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रस्तावित 10 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भूमिपूजन हुए एक वर्ष बीत चुका है, लेकिन अब तक निर्माण कार्य की शुरुआत तक नहीं हो सकी है।
मझौली जबलपुर
गत वर्ष बड़े धूमधाम से इस परियोजना का भूमि पूजन किया गया था, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री माननीय श्री राजेन्द्र शुक्ल जी उपस्थित थे। कार्यक्रम में क्षेत्रीय सांसद, विधायक सहित भारतीय जनता पार्टी के कई प्रमुख जनप्रतिनिधि मंच पर मौजूद रहे। उस समय मंच से आश्वासन दिया गया था कि कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा और स्वास्थ्य केंद्र आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा।
हालांकि,
आज एक वर्ष बीत जाने के बाद भी ज़मीनी स्तर पर एक भी ईंट नहीं रखी गई है। न तो निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ है और न ही किसी ठोस योजना की जानकारी सार्वजनिक की गई है। जनता के बीच यह सवाल तेजी से उठ रहा है कि आखिर 10 करोड़ रुपए की यह महत्वाकांक्षी योजना सिर्फ एक राजनीतिक घोषणा बनकर क्यों रह गई?
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि मझौली जैसे क्षेत्र में एक उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सुविधा केंद्र की सख्त ज़रूरत है। मौजूदा स्वास्थ्य व्यवस्था असंतोषजनक है और गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल या जबलपुर जैसे बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता है।
स्थानीय निवासी रामकुमार पटेल का कहना है:हमने सोचा था कि अब इलाज के लिए शहर नहीं भागना पड़ेगा, लेकिन एक साल बीत गया और एक खंभा तक नहीं खड़ा हुआ। यह जनता के साथ छलावा है।”
अब सवाल यह है कि एक वर्ष बाद भी निर्माण कार्य क्यों लंबित है? क्या यह प्रशासनिक लापरवाही है, तकनीकी अड़चन या फिर राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी?
जनता की मांग है कि प्रशासन इस परियोजना की प्रगति पर स्थिति स्पष्ट करे और कार्य में देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। साथ ही मांग की जा रही है कि निर्माण कार्य को प्राथमिकता देकर जल्द प्रारंभ किया जाए, ताकि क्षेत्र की जनता को इसका लाभ मिल सके।