नगर परिषद मझौली क्षेत्र में बिना अनुमति और नक्शा स्वीकृति के भवन निर्माण धड़ल्ले से जारी हैं।
मझौली जबलपुर
नियमों को ताक पर रखकर कई निर्माण कार्य दिन-रात चल रहे हैं, लेकिन नगर परिषद के जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी इस पर आंख मूंदे बैठे हैं।
नियमों का हो रहा उल्लंघन:
नगर परिषद अधिनियम और नगर निवेश विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार **किसी भी निर्माण से पूर्व भवन अनुज्ञा (Building Permission)अनिवार्य है।
* लेकिन मझौली के विभिन्न वार्डों में बिना नक्शा पास कराए निजी निर्माण कार्य चल रहे हैं जिससे शहर का सौंदर्य, नागरिक सुविधाएं और सुरक्षा मानक** प्रभावित हो रहे हैं।
स्थानीय नागरिकों का आरोप:
हमने शिकायत की थी कि पास के प्लॉट में बिना अनुमति निर्माण हो रहा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। लगता है प्रशासन की मिलीभगत है।
गिरीश चौधरी, वार्ड क्रमांक 11 निवासी
सड़क तक कब्जा कर लिया गया है, और नाले बंद हो गए हैं — बारिश में हालत खराब हो जाएगी।
कविता साहू, स्थानीय रहवासी
क्या कहता है कानून:
म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 293-A के अनुसार बिना अनुमति निर्माण करने वालों पर सीलिंग, जुर्माना, और विध्वंस तक की कार्यवाही की जा सकती है।
प्रशासन पर उठे सवाल:
* क्या नगर परिषद को इन अवैध निर्माणों की जानकारी नहीं है?
* क्या निर्माणकर्ताओं को आंतरिक संरक्षण प्राप्त है?
* क्या यह नगर परिषद की राजस्व हानि और नियोजन विफलता का संकेत नहीं?
जनता की मांग:
1. नगर में चल रहे सभी निर्माणों का निरीक्षण कर अनुमति स्थिति सार्वजनिक की जाए।
2. बिना अनुमति निर्माण पर तत्काल रोक और कानूनी कार्रवाई की जाए।
3. लापरवाही बरतने वाले नगर परिषद के जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाए।