जनगणना न कराने का हलफनामा देकर भाजपा अपना असली चेहरा दिखा चुकी है-
लौटनराम निषाद _लखनऊ
दिनभर चली बहस और जोरदार हंगामे के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा में आरक्षण संशोधन बिल सर्वसम्मति से पास होने पर भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.लौटनराम निषाद ने मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार जताते हुए बधाई दिया है।नई आरक्षण नीति के अनुसार अब छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति के लिए 32%, अनुसूचित जाति के लिए 13%, ओबीसी के लिए 27% और ईडब्ल्यूएस के लिए 4% हो गया है।उन्होंने नई आरक्षण नीति पारित होने पर प्रशन्नता जाहिर करते हुए कहा कि लंबे समय से ओबीसी के असमान आरक्षण कोटा को खत्म कर ओबीसी को 27% कोटा की मांग ओबीसी संगठनों द्वारा की जा रही थी।उन्होंने कहा कि 2011 की सामाजिक-आर्थिक-जातिगत जनगणना की रिपोर्ट के अनुसार भाजपा सरकार द्वारा ओबीसी का आँकड़ा घोषित न कर व सेन्सस-2021 में ओबीसी की जातिगत जनगणना न कराने सम्बंधित हलफनामा उच्चतम न्यायालय में दाखिल कर भाजपा पिछड़ा विरोधी चेहरा दिखा दिया है।कहा कि मण्डल विरोधी भाजपा कभी पिछडों की हितैषी नहीं हो सकती।उन्होंने कहा कि आरएसएस व भाजपा के डीएनए में ही संविधान, लोकतंत्र व सामाजिक न्याय का विरोध है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आरएसएस के मोहरे व नीलवर्ण श्रृंगाल हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आरक्षण बिल सर्वसम्मति से पास होने के छत्तीसगढ़ में आरक्षण अनुसूचित जनजाति के लिए 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए 13 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए 4 प्रतिशत हो गया है।मुख्यमंत्री द्वारा लोक सेवा भर्ती में आरक्षण और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश संबंधी विधेयक सदन में लाकर चर्चा और सदन में सर्वसम्मति से पारित कराना ऐतिहासिक निर्णय है।उन्होंने कहा कि एससी, एसटी,ईडब्ल्यूएस को समानुपातिक कोटा मिल गया है,51 प्रतिशत ओबीसी को अभी सामाजिक न्याय के 24 प्रतिशत और कोटा चाहिए। संविधान के अनुच्छेद-15(4),16(4) की मंशानुसार ओबीसी को भी जनसंख्या आनुपातिक कोटा आवश्यक है।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने ऐतिहासिक व साहसिक निर्णय लेते हुए ओबीसी का कोटा 14 से बढ़ाकर 27 किये हैं,इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व के प्रति भी आभार जताया है।
निषाद ने कहा कि भाजपा सरकार ने इसे सर्कुलर के रूप में जारी किया था,जिसे कांग्रेस सरकार ने एक्ट बनाकर मजबूत कदम उठाया है।उन्होंने कहा कि राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद संविधान की 9 वीं अनुसूची में दर्ज करने के लिए राष्ट्रपति व केन्द्र सरकार से सिफारिश करने का मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया है।ओबीसी की जनगणना होने पर जनगणना के अनुसार आरक्षण का समुचित लाभ ओबीसी को भी मिल पाएगा।
निषाद ने कहा है कि इस आरक्षण संशोधन एक्ट से तो हिन्दू वर्गों को ही लाभ होगा,न कि मुस्लिम,ईसाई,पारसी आदि को तो भाजपा इसका विरोध क्यों कर रही?क्या सिर्फ वोट के लिए ओबीसी,एससी,एसटी भाजपा के लिए हिन्दू होते हैं,सामाजिक न्याय के लिए नहीं?छत्तीसगढ़ आरक्षण संशोधन बिल का विरोध करने वाली भाजपा का असली चेहरा सबके सामने आ गया है।