सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली बीएमओ डॉ पारस ठाकुर के द्वारा बिना ड्यूटी के एंट्री ऑपरेटर को मानदेय भुगतान किया जा रहा था
मझौली
मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली का जहां पर विगत कुछ वर्षों से बीएमओ डॉक्टर पारस ठाकुर मझौली के द्वारा लगातार श्रीमती रेखा राय डाटा एंट्री ऑपरेटर को उसके बिना ड्यूटी किए हुए प्रतिमाह मानदेय का भुगतान किया जा रहा था जिसकी जानकारी लगते ही । सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली में बायोमेट्रिक मशीन लगाई गई हैं ।
लगातार कई वर्षों से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली बीएमओ पारस ठाकुर के द्वारा लगातार आसपास जितने भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहे हैं ।इंद्राना,पड़वार,मझौली इन सभी में ओपीडी में निशुल्क पर्ची बनाकर ₹5 वसूल किए जा रहे हैं।
सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन जबलपुर द्वारा सीएम एचओ जबलपुर को लिखित सिकायत की गई है। लिखित शिकायत सौंप कर जांच की मांग की गयी है ।
बीएमओ पारस ठाकुर की कार्य शैली से आमजन परेशान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली में आए दिन डाॅ नदारद मिलते हैं इसके पहले भी कई बार शिकायत हो चुकी है।
राजनैतिक संरक्षणो के चलते बीएओ पारस ठाकुर विगत कई वर्षों से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली में पदस्थ हैं
नगर मझौली और आसपास ग्रामीणों में धड़ल्ले से चल रहा है झौला छाप डॉक्टरो का व्यापार बीएमओ डॉ पारस ठाकुर के संरक्षण में
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली में साम 6 बजे के बाद डाॅक्टर नदारद मिलते हैं ग्रामीणों से आए गर्भवती महिलाएं हों या अन्य लोगों के मरीजों को बगैर किसी जांच पड़ताल करने के तुरंत जबलपुर सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल होस्पिटल रिफर कर दिया जाता है ।स्वास्थ्य केंद्र मझौली में सोनोग्राफी मशीन होने के बावजूद जांच नहीं की जाती गर्भवती महिलाएं और आसपास ग्रामीणों से आए मरिजो को प्राइवेट में सोनोग्राफी करवानी पड़ती है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली अधिकारी बीएमओ डॉ पारस ठाकुर जबाव देने से भागते नजर आए वही जब हमने एंट्री ओपरेटर रेखा राय से बात करने की कोशिश तो वो भी जबाव देने से भागती नज़र आई।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली के अंतर्गत प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र इंद्राना,पड़वार, (आरोग्य केंद्र) में पदस्थ सीएचओ की कार्यशैली से जहां एक ओर आम जनमानस बेतहाशा परेशान है वही मरीज इलाज पाने के लिए भटकते रहते हैं लोगों का कहना है की संस्था में हमेशा ताला लटका रहता है ।समय पर संस्था नहीं खुलती जिससे गर्भवती महिलाओं व बच्चों अन्य स्वास्थ्य संबंधी टीकाकरण व अनेक बीमारियों पर रोकथाम के प्रयास असफल होते दिख रहे हैं । ग्राम के लोगो ने बताया की गांव मे पदस्थ उक्त सीएचओ की लापरवाह कार्यप्रणाली की शिकायत संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों से मौखिक बात की गई परंतु सीएचओ के व्यवहार में किसी भी प्रकार का कोई बदलाव नहीं आया लोगों का कहना है की संस्था पहुंचने वाले मरीजों महिलाओं बच्चों से सीएचओ का व्यवहार अच्छा नहीं रहता शासन
के द्वारा चलाए जा रहे अभियान की रफ्तार भी धीमी पड़ी हुई है ।जिस कारण लोग स्वास्थ्य सुविधा पाने से वंचित रह रहे है। ज्ञात हो की
संपूर्ण प्रदेश मे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के द्वारा नर्स, स्वास्थ्य कार्यकर्ता डॉ.के बीच हेल्थ वर्कर के रूप में समन्वय के रूप मे कार्य करने के लिए सीएचओ की नियुक्ति इस उद्देश्य से की गई थी ताकि इनके द्वारा बच्चों की देखभाल बच्चों की छोटी मोटी बीमारियों पर नियंत्रण
चिकित्सा क्षेत्र मे बेहतर काम करना
इलाज के दौरान सभी मरीजों से पूछताछ करना उनका डेटा एकत्र करना मरीजों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना मरीजों के घरों के आसपास स्वच्छता की जांच करना और साफ-सफाई को बढ़ावा देना जैसे उद्देश्यों को लेकर सीएचओ की नियुक्ति की गई है।
परंतु मझौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत नियुक्त अनेक सीएचओ अपने मुख्यालय से गायब रहते हैं और इनकी कार्य शैली एवं कार्य
प्रणाली से आम जनमानस परेशान है।
लोगों ने इस दिशा में जिला कलेक्टर एवं जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से उचित
कार्यवाही की मांग की है।