खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिये संभागीय कमिश्नर श्री अभय वर्मा ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संभाग के कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि मिलावट से मुक्ति अभियान में प्राथमिकता से कार्य करें।
जबलपुर
खाद्य पदार्थों में मिलावट के विरूद्ध निरंतर कार्यवाही करें। विशेष रूप से नकली दूध एवं दूध से बने खाद्य पदार्थों जैसे मावा, पनीर, दही, घी आदि के निर्माताओं, मिलावटखोरों व कारोबारियों पर सख्ती से कार्यवाही करें। इसके लिये विशेष निगरानी दल गठित करें जिसमें खाद्य सुरक्षा विभाग, दुग्ध संघ, पुलिस, नापतौल, खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी रहें। निगरानी दल मिलावटी खाद्य पदार्थ निर्माण, विक्रय, परिवहन करने वाले खाद्य कारोबारियों के विरूद्ध आकस्मिक निरीक्षण कर कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर का यह दायित्व है कि वे अपने जिले में मिलावटी खाद्य पदार्थों की जानकारी का डाटा संकलित करें और खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत कार्यवाही सुनिश्चित करें। खाद्य पदार्थों की चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला में प्रारंभिक जांच की जाये तथा मौके पर मिलावट पाये जाने पर जब्ती कर एफआईआर दर्ज करें। साथ ही उनके लायसेंस की जांच की जाये। उन्होंने जोर देकर कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट मानव स्वास्थ्य के लिये घातक है अत: लोक स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुये इस दिशा में प्राथमिकता व तत्परता से कार्य करें। प्रत्येक जिले में लगने वाली साप्ताहिक हाट बाजार में भी जांच करें। कमिश्नर श्री वर्मा ने कहा कि चलित खाद्य प्रयोगशाला रोस्टर वार सभी जिलों में पहुंचेगी। मिलावट, मिथ्या ब्रांड, अमानक खाद्य पदार्थों के विरूद्ध जन जागरूकता अभियान चलायें।
पीएम जन-मन योजना अंतर्गत चयनित सेवाओं का लाभ सुनिश्चित करने के लिये चलाये जा रहे अभियान को गति दें। सभी लोगों के आधार पंजीयन के साथ आयुष्मान कार्ड बन जायें। जाति प्रमाण पत्र बनाने में लापरवाही न करें। इस दौरान आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे योजना में प्रगति की वास्तविक डाटा दें, असत्य व भ्रमक डाटा देने पर कार्यवाही की जायेगी। कमिश्नर श्री वर्मा ने 17 एवं 18 फरवरी तथा 16 एवं 17 मार्च को मदन महल थाना के पास मोहन फिजियोथेरेपी सेंटर राइट टाउन जबलपुर में ऐसे दिव्यांगजनों को कृत्रिम पैर लगाने का शिविर आयोजित हो रहा है। जिसमें नागपुर व इंदौर से डॉक्टर्स आयेंगे। उन्होंने सभी कलेक्टर्स से कहा कि ऐसे दिव्यांग जिन्हें कृत्रिम पैर लगाने की आवश्यकता है उन्हें चिन्हित कर उक्त शिविर में पहुंचायें।