मध्य प्रदेश वेयर हाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन के जिला प्रबंधक एवं जिला उपार्जन समिति के सदस्य वाय.एस.सेंगर द्वारा उत्तरदायित्व के निर्वहन में कोई रूचि नहीं लेने और पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने पर
कटनी
कलेक्टर श्री अवि प्रसाद द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस का समाधान कारक जवाब नहीं दिये जाने पर श्री सेंगर के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन भोपाल को भेजा है।
कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा प्रेषित पत्र में उल्लेखित किया गया है कि जिले में स्वीकृत पत्रक कम जारी होने और गोदाम स्तरीय उपार्जन केन्द्रों से हैण्डलिंग चालान की प्रति जिला प्रबंधक मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन कटनी में प्रस्तुत नहीं करने के कारण स्वीकृत पत्रक जारी नहीं होने से किसानों का भुगतान लंबित रहने तथा उपार्जित धान की स्वीकृत मात्रा से डब्ल्यू.एच.आर. का प्रतिशत कम होने के फलस्वरूप (खाद्य शाखा) द्वारा वाय.एस. सेंगर को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब चाहा गया था। जिसके प्रस्तुत जवाब में श्री सेंगर द्वारा उपार्जित धान का भण्डारण सी.डब्ल्यू.सी. मार्कफेड एवं अधिग्रहित की गई गोदामों में किये जाने का उल्लेख किया है ।साथ ही मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज से नियुक्त सर्वेयर धान की गुणवत्ता जांच के उपरांत उपार्जन केन्द्र द्वारा हैण्डलिंग चालान ऑनलाइन जारी होने तथा सर्वेयर, गोदाम प्रभारी को चालान की प्रति जिला प्रबंधक को प्रस्तुत होने के उपरांत जिला प्रबंधक, मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज के द्वारा ऑनलाईन स्वीकृत पत्रक जारी होने का लेख किया गया है।
इसके अतिरिक्त श्री सेंगर द्वारा जवाब में स्वीकृत पत्रक जारी होने की पूर्व कोई भी कार्यवाही लंबित नहीं रहने का भी लेख किया है। डब्ल्यू.एच.आर. कम होने का कारण जे.व्ही.एस. गोदामों की पूर्व से बनी आई.डी. पर स्वीकृत पत्रक जारी किये जाने तथा अधिग्रहण गोदामों की नई आई.डी. की सूची मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन को प्रस्तुत करने के उपरांत भी पूर्व की आई.डी. में ही स्वीकृत पत्रक जारी किया गया जिससे डब्ल्यू एचआर जारी नहीं होने से डब्ल्यू. एच.आर. का प्रतिशत कम रहने का उल्लेख श्री सेंगर द्वारा किया गया है।
कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा प्रबंध संचालक को प्रेषित पत्र में यह भी उल्लेखित किया गया है कि जिले में किसानों से अमानक धान क्रय किये जाने पर जिले में कार्यरत सर्वेयरों के द्वारा 50 हजार 569 एम.टी. धान रिजेक्ट किया जाकर खरीदी केन्द्रों को वापिस किया गया। अमानक धान क्रय करने वाले 30 खरीदी केन्द्र प्रभारियों के विरुद्ध भी श्री सेंगर द्वारा जिला स्तर से कार्यवाही की गई। इससे स्पष्ट है कि जिला उपार्जन समिति के सदस्य के रूप में श्री सेंगर के द्वारा उपार्जन केन्द्रों का प्रभावी निरीक्षण नही किया गया, जिससे उपार्जन में अव्यवस्थाएं व्याप्त रही और जिले एवं शासन की छवि धूमिल हुई है।