बरौदा चौराहे पर ग्रामीणों और किसानों से की चर्चा
चंसोरिया वेयर हाउस में हुई धान की खरीदी में हुये फर्जीवाड़े से वास्तविक किसानों को भुगतान में हो रही परेशानी को दूर करने का दिया आश्वासन
जबलपुर
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने आज शुक्रवार को दोपहर बाद पनागर तहसील के ग्रामीण क्षेत्र का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने जहां तहसील कार्यालय पनागर और जनपद कार्यालय पनागर का निरीक्षण किया, वहीं ग्राम बम्हनौदा में श्रीमती ज्योति पटैल द्वारा स्थापित गोबर गैस संयत्र का अवलोकन किया। श्री सक्सेना ने ग्राम पंचायत भिडारी कलां के आश्रित ग्राम सलैया में नवनिर्मित सामुदायिक भवन, प्राथमिक शाला भवन एवं आंगनबाड़ी केन्द्र को भी देखा और इनके निर्माण की गुणवत्ता की सराहना की। भ्रमण के दौरान कलेक्टर ग्रामीणों से चर्चा करने बरौदा चौराहे पर भी रूके। कलेक्टर को आया देख कुछ देर में ही बड़ी संख्या में ग्रामीण वहां एकत्र हो गये। इनमें बड़ी संख्या किसानों की थी।
बरौदा चौराहा पर ग्रामीणों के साथ हुई चर्चा के दौरान कलेक्टर ने राशन की उपलब्धता से लेकर उनकी समस्यायें जानी। बातचीत के दौरान मुख्य मुद्दा किसानों को धान के भुगतान न होने का सामने आया। किसानों ने कलेक्टर को बताया कि उन्होने अपनी धान बरौदा चंसोरिया वेयर हाऊस स्थित खरीदी केन्द्र को समर्थन मूल्य पर स्लॅाट बुक कराकर 12 जनवरी के आसपास बेची थी। लेकिन पर्ची जारी करने और तुलाई के बाद भी उनकी धान 17 से 19 जनवरी के बीच चढ़ाई गई और उनका भुगतान अभी तक रूका हुआ है।
कलेक्टर ने किसानों की इस परेशानी को धैर्यपूर्वक सुना और उन्हें धान का भुगतान न हो पाने की वजह बताई। श्री सक्सेना ने चंसोरिया वेयर हाउस में धान खरीदी में हुई अनियमितता की विस्तार से जानकारी किसानों को दी। उन्होंने बताया कि इस खरीदी केन्द्र में करीब 96 हजार क्विंटल धान की खरीदी पोर्टल पर चढ़ा दी गई थी लेकिन शंका होने पर कराई गई जांच में यहां लगभग 50 हजार क्विटंल धान का स्टॉक ही पाया गया। जांच में पाया गया कि यहां लगभग 46 हजार क्विंटल धान की फर्जी खरीदी चढ़ा दी गई तथा किसानों की आड़ में बिचौलियों और व्यवसायियों को भुगतान भी कर दिया गया। कलेक्टर ने किसानों को बताया कि चंसोरिया वेयर हाउस में धान खरीदी में हुये इस फर्जीवाड़े में दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध एफ आई आर दर्ज कराई गई है। उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी। उन्हें जेल भी जाना पड़ेगा।
श्री सक्सेना ने किसानों को आश्वस्त किया कि 17 तारीख के बाद हुई धान खरीदी का भुगतान फिलहाल रोक दिया गया है। उन्होंने किसानों से कहा कि यदि वे ऐसे व्यक्तियों की पहचान करने में प्रशासन का सहयोग देने को तैयार है जिनके नाम धान की फर्जी खरीदी चढ़ाई गई है तो उनकी समस्या का काफी हद तक समाधान किया जा सकता है।
कलेक्टर ने किसानों से कहा कि चंसोरिया वेयर हाउस उपार्जन केन्द्र पर जिन किसानों के नाम से धान खरीदी दर्शाई गई है, उनकी पूरी सूची कली ही बरौदा भेजेंगे। इस सूची से किसान ऐसे एक-एक व्यक्ति को चिन्हित कर लें जिनके नाम किसानों की आड़ में धान की फर्जी खरीदी चढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि ऐसी फर्जी खरीदी का भुगतान रोक दिया जायेगा और वास्तविक किसानों को भुगतान किया जायेगा। जिन फर्जी व्यक्तियों को भुगतान हो चुका है उनके खिलाफ भी जांच की जायेगी और एफ आई आर कराकर उन्हें कड़ी सजा दिलाई जायेगी।
कलेक्टर ने चर्चा के दौरान किसानों को गेहूं के उपार्जन के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किसान उपार्जन की प्रक्रिया को अच्छी तरह से समझ लें। खासतौर पर सिकमीनामा के नाम पर हो रहे फर्जी वाड़ा को रोकने में प्रशासन की मदद करें। उन्होंने सिकमीनामा पर खेती करने वाले किसानों को विधिवत प्रक्रिया अपना कर सिकमीनामा का अनुबंध् करने और उस आधार पर उपार्जन के लिए पंजीयन कराने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि वास्तविक किसानों को कोई परेशानी न हो और किसानों की आड़ में बिचौलिये उपार्जन व्यवस्था का अनुचित लाभ न उठा पायें इसके लिये प्रशासन द्वारा सावधानी और सख्ती बरती जायेगी। बरौदा चौराहे पर किसानों से हुई इस चर्चा के दौरान कुछ किसानों द्वारा नामांतरण न हो पाने की शिकायतों पर कलेक्टर ने मौके पर मौजूद एसडीएम जबलपुर पी.के सेन गुप्ता को तुरंत कार्यवाही करने के निर्देश भी दिये।