प्रीति और रामबेटी को दिलाया भरोसा आपकी समस्या का होगा समाधान
कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में हुई 90 फरियादियों की सुनवाई
ग्वालियर
प्रीति का आवेदन लिखवाया और रामबेटी को भरोसा दिलाया कि आपके साथ न्याय होगा। इसी तरह ग्राम मुख्तियारपुरा की उचित मूल्य की दुकान पर समय से राशन न पहुँचने संबंधी शिकायत को गंभीरता से लिया और जिला आपूर्ति नियंत्रक को व्यक्तिगत रूप से इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर राशन पहुँचाने के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री अक्षय कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में पहुँचे इन फरियादियों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और निराकरण की रूपरेखा तय की। कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में इस बार 90 फरियादी पहुँचे थे।
मंगलवार को कलेक्ट्रेट में हुई जनसुनवाई में गोपालनगर गदाईपुरा निवासी श्रीमती प्रीति शिवहरे ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कलेक्टर श्री सिंह से को बताया कि साहब पटवारी के दस्तखत न होने से तीन माह से जेल में बंद मेरे भाई की जमानत नहीं हो पा रही थी। मेरा भाई दहेज एक्ट में आगरा की जेल में बंद है। प्रीति कोई आवेदन लेकर नहीं आईं थीं और उनके पास कागज-कलम भी नहीं थे। कलेक्टर श्री सिंह ने जनसुनवाई कक्ष में ही अधीनस्थ कर्मचारियों के माध्यम से उनका आवेदन लिखवाया और भरोसा दिलाया कि आपकी समस्या का उचित समाधान कराया जायेगा।
इसी तरह बंजारे साहब का नाला तारागंज क्षेत्र से जनसुनवाई में पहुँची श्रीमती रामबेटी को भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम के तहत न्याय दिलाने का भरोसा कलेक्टर श्री सिंह ने दिलाया। रामबेटी का कहना था कि मेरे निकट परिजनों द्वारा मुझे घर से निकाल दिया गया है। ग्राम मुख्तियारपुरा कृषि सहकारी समिति संस्था (उचित मूल्य की दुकान) के संचालक परसराम जाटव ने आवेदन देकर आग्रह किया कि हमारे यहाँ की उचित मूल्य की दुकान पर समय से राशन नहीं पहुँचता। कलेक्टर श्री सिंह ने जिला आपूर्ति नियंत्रक को बुलाकर शिकायती आवेदन सौंपा और निर्देश दिए कि इस शिकायत की गंभीरता से जाँच करें और यदि समय से राशन नहीं पहुँच रहा है तो इसका तत्काल समाधान किया जाए।
कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में पहुँचे सभी 90 फरियादियों की कलेक्टर श्री सिंह एवं जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों ने एक – एक कर समस्यायें सुनीं और उनके आवेदनों के निराकरण की रूपरेखा तय की। इनमें से 65 आवेदन दर्ज किए गए और शेष दो दर्जन से अधिक आवेदन सीधे ही निराकरण के लिये संबंधित अधिकारियों को सौंपे गए।