जापानी 5-एस पद्धति के अनुरूप कार्यालयों मे किया जा रहा फाईलों का संधारण
कटनी
आम जनता को होगी सहूलियत, जल्द होंगे काम
कलेक्ट्रेट में आकर समस्याओं के निराकरण हेतु अनावश्यक भटकाव से मिलेगी निजात
5-एस पद्धति की कार्य संस्कृति अपनाने वाला कटनी प्रदेश का पहला जिला
कटनी – संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन स्थित शासकीय कार्यालयों में सुशासन की दिशा मे महत्वपूर्ण पहल की गई है। इस पहल के प्रणेता और सूत्रधार कलेक्टर अवि प्रसाद ने आम जनता की सुविधा और कार्यालय मे वर्क कल्चर को बढ़ावा देने और फाईलों का व्यवस्थित संधारण सुनिश्चित करने के लिए 5 एस पद्धति पर कार्यालयों की व्यवस्थाओं का सुदृढ़ीकरण किया है। 5-एस पद्धति की कार्य संस्कृति शासकीय कार्यालयों में लागू करने की पहल करने वाला कटनी प्रदेश का संभवतः पहला जिला है।
कलेक्टर अवि प्रसाद ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित उद्यानिकी, नजूल, अभिलेखागार और जिला कोषालय, शिक्षा, महिला बाल विकास, जिला खनिज प्रतिष्ठान मद और श्रम सहित अन्य विभागों की नस्तियों के संधारण और व्यवस्थित रख-रखाव का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान डिप्टी कलेक्टर द्वय प्रमोद चतुर्वेदी एवं विवेक गुप्ता, ई गवर्नेस के जिला प्रबंधक सौरभ नामदेव, कार्यालय अधीक्षक देवेन्द्र श्रीवास्तव, जिला नाजिर श्री मिश्रा सहित संबंधित विभागों के जिला अधिकारी मौजद रहे।
कलेक्टर श्री प्रसाद ने औचक निरीक्षण के दौरान अभिलेखीय स्वरूप में आलमारियों और रैक मे व्यवस्थित और सिलसिलेवार रखी फाईलों के नंबर और कोड़ के आधार पर स्वयं फाईलों की पड़ताल की। कलेक्टर को सभी फाइलें उनके नंबर कोड के आधार पर संबंधित आलमारी और रैक मे व्यवस्थित रूप से रखी मिलीं।
शासकीय कार्यालयों मे 5-एस मानक के अनुरूप कार्य संस्कृति होने से क्रियान्वयन, मार्गदर्शन व समय-सीमा के अंदर काम पूरा करने की कार्य पद्धति विकसित होगी। जिससे विभागों मे अपना काम लेकर पहुंचने वाले व्यक्ति का बिना किसी परेशानी और बाधा के काम पूरा हो सकेगा।
5-एस पद्धति
संयुक्त कलेक्ट्रेट स्थित शासकीय कार्यालयों में कलेक्टर की पहल पर जो 5- एस कार्य पद्धति लागू की गई है वह एक प्रकार की जापानी कार्य संस्कृति का हिस्सा है। जो आईएसओ मानक की तर्ज पर ही शासकीय कार्यालयों मे कार्य करेगी। यह एक प्रकार से आईएसओ मानक से भी बेहतर और उच्च गुणवत्ता मापदंड पर आधारित है।
जिले में सरकारी कार्यालयों में कार्य की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए 5-एस पद्धति को लागू किया गया है। आम जनता को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के दृष्टिकोण से शासकीय कार्यालयों मे आईएसओ मानक की तर्ज पर ही काम करेगी। इसके लिए कलेक्टर अवि प्रसाद ने नोडल अधिकारी व कोर टीम तक गठित कर दी है। जो विशेष रूप से 5-एस मानक के अनुरूप शासकीय कार्यालयों में क्रियान्वयन, मार्गदर्शन व समय सीमा के अंदर काम को पूरा कराने की जिम्मेदारी संभालेगी, ताकि सरकारी कार्यालयों में अपने कार्य को लेकर पहुंचने वाले आम व्यक्ति को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
5 – एस का मूल मंत्र शार्ट (छटनी), सेट इन आर्डर (क्रम में रखना), साइन (सूचीबद्ध या निशान लगाना), स्टैंडर्डाइज्ड (मानकीकरण) और सस्टेन (निरंतर) है। जिसके आधार पर कार्यालय के कार्य संस्कृति और कार्य पद्धति में जनोन्मुखी बदलाव किया गया है। इससे शासकीय विभाग में पहुंचने वाले लोगो के काम मे आसानी होगी।
आम व्यक्ति को अनावश्यक भटकना नहीं पड़ेगा
किस विभाग में क्या काम होगा? आसानी से पता चलेगा। फाइलों का व्यवस्थित संधारण होगा, इनके बेहतर रख-रखाव की वजह से फाईलों को ढूढ़ना नहीं पडेगा। फाइल गुमेंगी नही इस पद्धति से कार्यालय स्वच्छ व साफ सुथरा दिखेगा। विभागों में अनावश्यक फाइलों का दबाव नहीं रहेगा। कार्यालयीन वातावरण बेहतर बनेगा। वर्क कल्चर बढ़ेगा। अनावश्यक भटकना नहीं पड़ेगा। समय सीमा में उनके कार्य को पूरा किया जा सकेगा। कलेक्टर श्री अवि प्रसाद ने 5-एस पद्धति हेतु अपर कलेक्टर साधना परस्ते को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
आम लोगों को मिलेगी राहत
अपनी समस्याओं और शिकायतों निराकरण के लिए दूरदराज गांवों कलेक्ट्रेट आने वाले व्यक्ति को असुविधा न हो, इसके लिए विभागों के बाहर कर्मचारियों- अधिकारियों की नेम प्लेट, विभाग के क्रियाकलाप और आरटीआई का विवरण बोर्ड में लिखा होगा। जो विभाग के बाहर ही लगा होगा। जिसे पढ़कर आम व्यक्ति आसानी से समझ सकता है कि संबंधित विभाग का प्रभारी कौन है? यहां क्या-क्या काम होंगे? जिससे लोगों को राहत मिलेगी।