कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में आज मंगलवार को सम्पन्न हुई जिला स्तरीय साख समन्वय समिति की बैठक में नाबार्ड द्वारा तैयार वर्ष 2024-25 की जिले की संभाव्यता युक्त ऋण योजना का विमोचन किया
जबलपुर
लगभग 11 हजार 852 करोड़ की यह योजना भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार तैयार की गई है ।
नाबार्ड के जिला विकास प्रबन्धक अपूर्व गुप्ता ने बताया की संभाव्यतायुक्त ऋण योजना दस्तावेज में ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों मे उपलब्ध भौतिक संभाव्यता का बैंक ऋण के माध्यम से दोहन की संभावना का आकलन किया जाता है। इस संभाव्यता आकलन के दौरान जिले मे वर्तमान मे उपलब्ध अधोसंरचना, संभाव्यता के पूर्ण दोहन के लिए अपेक्षित अतिरिक्त अधोसंरचना, पिछले वर्ष मे बैंक ऋण प्रवाह और आगामी वर्ष मे संभावित अन्य परिवर्तनों को ध्यान मे रखा जाता है । उन्होंने बताया कि विकास और उनके लिए अपेक्षित संसाधनों के मध्य एक सार्थक संबंध स्थापित करने के लिए आगामी वित्तीय वर्ष के लिए जिले की संभाव्यता युक्त ऋण योजना तैयार की गई है । अग्रणी बैंक प्रबन्धक, श्री विवेक कुमार ने बताया कि इस संभाव्यता युक्त ऋण प्रणाली के आधार पर अग्रणी बैंक द्वारा अगले वित्तीय वर्ष के लिए जिले का वार्षिक क्रेडिट प्लान आरबीआई के लीड बैंक स्कीम के तहत बनाया जाता है।
ऋण योजना में फसल उत्पादन रखरखाव व वितरण के लिए 2 हजार 484 करोड़ 54 लाख रुपए, कृषि व संबंधित क्षेत्रों में निवेश ऋण के लिए 2 हजार 205 करोड़ 57 लाख रुपए, कृषि आधारित संरचना एवं सहयोगी इकाइयों के लिए 1हजार 064 करोड़ 21 लाख रुपए, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए 5 हजार 241करोड़ 50 लाख रुपए तथा अन्य प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों के लिए 856 करोड़ 35 लाख रुपए की ऋण संभाव्यता का आकलन किया गया है । नाबार्ड अधिकारी ने बताया कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष ऋण संभाव्यता में 46.61 प्रतिशत की वृद्धि हुई है ।
इस अवसर पर रिजर्व बैंक के अधिकारी, विभिन्न बैंक के वरिष्ठ अधिकारी, लीड बैंक अधिकारी, ज़िला उद्योग व्यापार केंद्र, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, मत्स्य पालन एवं पशुपालन विभाग व अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।