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Saturday, October 11, 2025

कलेक्टर ने दिये खाद्य सुरक्षा तथा औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों को विशेष अभियान चलाने के निर्देश.

पनीर के नाम पर एनालॉग पनीर बेचने वाले पर होगी सख्त कार्यवाही.

जबलपुर

ज्यादा लाभ कमाने के लिये अनुचित तरीके अपनाकर नागरिकों को पनीर के नाम पर एनालॉग पनीर का विक्रय करने वाले संस्थानों के विरुद्ध जिले में जल्दी ही सख्त कार्यवाही की जायेगी। इस संबंध में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने आज मंगलवार को खाद्य सुरक्षा तथा औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाकर उन्हें पनीर एवं एनालॉग पनीर की जांच के लिये जिले में विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं। कलेक्टर कार्यालय में आयोजित की गई इस बैठक में अपर कलेक्टर सुश्री मिशा सिंह भी मौजूद थीं।

कलेक्टर श्री सक्सेना ने बैठक में खाद्य सुरक्षा तथा औषधि प्रशासन विभाग पनीर और एनॉलाग पनीर के बीच क्या अंतर है तथा सामान्य तौर पर इनकी पहचान कैसे की जा सकती है इस बारे में नागरिकों को जागरूक करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने बाजार में बिक रहे पनीर एवं एनॉलाग पनीर की नियमित रूप से सघन जांच करने के साथ-साथ पनीर के नाम पर बेचे जा रहे एनॉलाग पनीर के निर्माण एवं विक्रय स्थलों का आकस्मिक निरीक्षण कर नमूना लेने तथा पनीर के नाम पर एनॉलाग पनीर का निर्माण या विक्रय पाये जाने पर मौके पर ही विनिष्टि करने तथा वैधानिक कार्यवाही करने की हिदायत भी दी।

ज्ञात हो कि हाल ही में प्रशासन के संज्ञान में आया है कि एनॉलाग पनीर का मूल्य मिल्क फेट युक्त पनीर से कम होने के कारण व्यवसायियों द्वारा इसके उपयोग का चलन लगातार बढ़ रहा है। इसके साथ ही इस बात की भी आशंका है कि उपभोगताओं को मिल्क फेट युक्त पनीर बताकर एनॉलाग पनीर का विक्रय किया जा रहा है।

पनीर और एनालॉग पनीर में क्या है अंतर :-

बैठक में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि पनीर एक दुग्ध उत्पाद है, जो दूध में मान्य ऐसीडूलेन्ट (नींबू का रस, सिरका आदि) से बनाया जाता है। जबकि एनॉलाग पनीर दुग्ध उत्पाद से बनाये पनीर के समान दिखाई देता है, लेकिन इसे बनाने में दुग्ध वसा (मिल्क फेट) के स्थान पर वनस्पति, तेल, स्टार्च, मिल्क सॉलिड आदि का इस्तेमाल किया जाता है। पनीर हल्का नर्म एवं स्पंजी होता है। पनीर में दूध की हल्की मीठी खुशबू आती है और इसमें प्रोटीन कैल्शियम एवं अन्य पोषक तत्व होते हैं। जबकि एनॉलाग पनीर दिखने में पनीर जैसा ही होता है लेकिन यह सख्त, रबड़ जैसा होता। एनालॉग पनीर के निर्माण में वनस्पति तेल और स्टार्च का इस्तेमाल किया जाता है। पनीर की तुलना में इसमें कम पोषक तत्व होते हैं और दूध की हल्की मीठी खुशबू का भी अभाव होता है।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि नागरिकों द्वारा खरीदते समय पनीर मिल्क फेट से बना है या एनालॉग पनीर है इसकी पर ही परीक्षण किया जा सकता है । भौतिक परीक्षण में एनॉलाग पनीर रबड़ जैसा खिंचता है तथा छूने पर चिकना और सख्त होता है, जबकि पनीर थोड़ा खुरदुरा, नरम एवं तोड़ने पर टूट जाता है। इसी प्रकार एनॉलाग पनीर टिंचर आयोडीन की कुछ बूंदे डालने पर भूरा अथवा नीला पड़ जाता है। बैठक में कानूनी प्रावधानों की जानकारी भी दी गई। बताया गया कि खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम-2006 विनियम 2011 की धारा 50 के अनुसार क्रेता द्वारा मांगी गई प्रकृति का खाद्य पदार्थ विक्रय न किये जाने पर अथवा मिथ्याछाप खाद्य पदार्थ का विक्रय करने पर दो लाख रूपये तक जुर्माने का प्रावधान है। यदि पनीर के नमूने में यूरिया अथवा डिटर्जेंट पाया जाता है तो ऐसी स्थिति में जुर्माने के साथ-साथ कारावास की सजा का भी प्रावधान है।

बैठक में खाद्य सुरक्षा तथा औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एनॉलाग पनीर का निर्माण एवं विक्रय तथा तैयार भोजन में इसका उपयोग करने वाले खाद्य प्रतिष्ठानों को निर्देश दिये गये हैं कि वे उपभोक्ताओं को स्पष्ट सूचित करें कि किस खाद्य सामग्री में किस प्रकार के पनीर का उपयोग किया गया है।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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