केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा के प्रारंभिक वर्षों में बच्चों के शैक्षणिक एवं व्यक्तिगत विकास की नींव निर्धारित करने वाले बुनियादी कौशलों को सशक्त करने “निपुण भारत मिशन” की शुरुआत की गई है।
जबलपुर
इसी दिशा में सीएम राइज मेडीकल स्कूल में कक्षा दूसरी में अध्ययन करने वाले 75 प्रतिशत से अधिक छात्रों ने ‘निपुण लक्ष्य’ प्राप्त कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। विद्यालय में अध्यनरत कक्षा दूसरी के कुल 38 छात्रों में से 30 छात्रों ने वांछित साक्षरता और संख्यात्मकता कौशल को सफलता पूर्वक अर्जित किया है।
सी एम राइज स्कूल की इस उपलब्धि ने न केवल स्कूल को गौरवान्वित किया है बल्कि जिले के अन्य स्कूलों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है। निपुण भारत मिशन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता की एक नई मिसाल बन गया है। शिक्षकों और प्रबंधन की टीम ने न केवल पाठ्यक्रम को प्रभावी रूप से लागू किया, बल्कि छात्रों की व्यक्तिगत जरूरतों को समझते हुए उन्हें अलग-अलग तरह से मार्गदर्शित किया। यह सफलता सी एम राइज मेडिकल स्कूल के शिक्षकों और छात्रों की एकजुटता और निरंतर मेहनत का प्रतीक है। विद्यालय की यह सफलता स्कूल के प्रधानाचार्य किरण राव, उप-प्रधानाचार्य शैलेश कुमार पाठक, मुख्य शिक्षिका आभा जैन और कक्षा दूसरी की शिक्षिका संगीता उचोलिया की कड़ी महेनत और समर्पण का परिणाम है।
कुण्डेश्वर धाम विकासखंड में निपुण भारत मिशन की सफलता में शिक्षक मार्गदर्शक पंकज विश्वकर्मा का योगदान अहम -:
कुण्डेश्वर धाम ब्लॉक में निपुण भारत मिशन के अंतर्गत कार्यरत कई शिक्षक मार्गदर्शकों में से एक पंकज विश्वकर्मा अपने समर्पण और दक्षता के लिए पहचाने जाते हैं। उनका मुख्य कार्य शिक्षकों को मौलिक साक्षरता और संख्यात्मकता (एफएलएन) के लक्ष्यों के अनुरूप प्रशिक्षित करना है। ताकि वे बच्चों को निपुण भारत मिशन के तहत निर्धारित लक्ष्यों तक पहुँचाने में सक्षम हो सकें। पंकज विश्वकर्मा इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए अपने ब्लॉक के शिक्षकों के लिए एक सहायक और प्रभावी मार्गदर्शक बने हैं। पंकज अपने सहयोगियों के साथ मिलकर मौलिक साक्षरता और संख्यात्मकता सामग्री के सही और प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। उनके प्रशिक्षण सत्रों में शिक्षकों को नई शिक्षण तकनीकी से अवगत कराया जाता है और उन्हें बच्चों की की प्रगति का मूल्यांकन करने के व्यावहारिक तरीके सिखाए जाते हैं। पंकज का सबसे बड़ा योगदान यह है कि वे शिक्षकों को न केवल सामग्री समझाते हैं बल्कि उन्हें प्रेरित भी करते हैं कि वे इसे कक्षा में लागू करें और बच्चों की समझ को मजबूत करें। कुण्डेश्वर धाम ब्लॉक में मौलिक साक्षरता और संख्यात्मकता लक्ष्यों की दिशा में हो रहे निरंतर प्रगति के पीछे पंकज जैसे मार्गदर्शक शिक्षकों की मेहनत और टीमवर्क है। उन्होंने अपने कार्यक्षेत्र में FLN सामग्री का सही उपयोग सिखाने और शिक्षकों को सक्षम बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे बच्चों के सीखने के परिणामों में स्पष्ट सुधार देखा गया है।
एफएलएन शिक्षा में नवाचार की मिसाल बनी शिक्षक विनीषा साहू -:
कुण्डेश्वर धाम विकासखंड के अंर्तगत एकीकृत माध्यमिक शाला देवरी की शिक्षिका विनीषा साहू ने मौलिक साक्षरता और संख्यात्मकता (एफएलएन) के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान देकर विद्यालय में शिक्षा के स्तर को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। निपुण भारत मिशन के अंतर्गत निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, वे नवाचारी शिक्षण विधियों और शैक्षणिक सामग्री (टीएलएम) का उपयोग कर बच्चों को निपुण लक्ष्य तक पहुँचाने के लिए समर्पित रूप से कार्य कर रही हैं। श्रीमती साहू के शिक्षण की सबसे बड़ी विशेषता है कि उनका दृष्टिकोण रचनात्मक है। वे एफएलएन सामग्री को बच्चों के लिए रोचक और आकर्षक बनाने के लिए खेल, कहानियों, और दृश्य शिक्षण सामग्री का कुशलतापूर्वक उपयोग करती हैं। इन विधियों ने बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि को बढ़ाया है और उन्हें सीखने के लिए प्रेरित किया है। विनिषा साहू मानना है कि शिक्षा तभी प्रभावी होती है जब यह आनंदमय हो और इसी विश्वास के साथ वह लगातार नए तरीकों का प्रयोग करती रहती हैं। उनके समर्पण और नवाचार ने देवरी के इस विद्यालय में बच्चों के शैक्षिक प्रदर्शन को एक नई दिशा दी है। श्रीमती साहू न केवल कुण्डेश्वर धाम बल्कि पूरे जिले के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गई हैं, और उनके प्रयासों ने एफएलएन मिशन की सफलता में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।