जनता की आवाज़ को कुचलने की कोशिश? शिकायत बंद कराने के लिए अधिकारी ने की अभद्र भाषा में बात, पीड़ित ने कलेक्टर से की शिकायत
कटनी।
प्रदेश सरकार की बहुप्रचारित **सीएम हेल्पलाइन**, जिसका उद्देश्य था कि आम जनता अपनी समस्याएं सीधे सरकार तक पहुंचा सके, अब खुद ही **शिकायतों की कब्रगाह** बनती जा रही है। हाल ही में सामने आए एक **वायरल ऑडियो** ने इस व्यवस्था की पोल खोल दी है, जिसमें एक अधिकारी शिकायतकर्ता से न केवल अभद्र भाषा में बात करता सुना गया, बल्कि शिकायत को बंद कराने का खुला दबाव भी बनाता है।
पीड़ित का कहना है कि उसने प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार से जुड़ी समस्या की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज कराई थी। इसके बाद संबंधित विभाग के एक अधिकारी ने उसे फोन कर धमकाना शुरू कर दिया। वायरल ऑडियो में अधिकारी स्पष्ट रूप से अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हुए यह कहता सुना जा सकता है कि “शिकायत बंद कराओ, वरना अंजाम भुगतना पड़ेगा।”
कलेक्टर से की गई शिकायत, कार्रवाई पर उठ रहे सवाल
पीड़ित ने अब इस पूरे मामले की लिखित शिकायत कटनी कलेक्टर से की है और ऑडियो साक्ष्य भी सौंपे हैं। मगर अब बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रशासन अपने ही अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करेगा या फिर यह मामला भी बाकी शिकायतों की तरह “निराकृत” दिखा कर फाइलों में दफन कर दिया जाएगा?
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कटनी जिले में बीते कुछ महीनों से प्रशासन और पुलिस का रवैया बेहद लापरवाह और मनमानी भरा हो गया है। आम जनता की समस्याएं सुनने के बजाय, उन्हें दबाने का प्रयास किया जा रहा है। “सीएम हेल्पलाइन” जैसी संवेदनशील व्यवस्था में जब इस तरह के दुर्व्यवहार और धमकी जैसे मामले सामने आते हैं, तो यह साफ हो जाता है कि नीचे तक जवाबदेही पूरी तरह समाप्त हो चुकी है।
एक सामाजिक कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “यह केवल एक मामला नहीं है। कई बार देखा गया है कि जब कोई नागरिक सच्चाई उजागर करता है, तो उसे डराने-धमकाने की कोशिश की जाती है। यह लोकतंत्र नहीं, तानाशाही का संकेत है।”
अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन इस पर सख्त कार्रवाई करता है या फिर यह मामला भी ‘निपटाया’ हुआ घोषित कर दिया जाएगा।