मेन मार्केट में गंदगी का अंबार, शिकायत पर भी नहीं जागा प्रशासन
मझौली (विशेष प्रतिनिधि)
एक ओर देशभर में “स्वच्छता पखवाड़ा” के अंतर्गत स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने के लिए जोर-शोर से अभियान चलाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर नगर परिषद मझौली में पदस्थ अधिकारी और कर्मचारी इस अभियान की खुली अवहेलना कर रहे हैं।
मझौली के मेन मार्केट क्षेत्र में गंदगी और कचरे का ढेर आमजनों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है। न तो बाजार क्षेत्र में झाड़ू लगाई जा रही है, न ही पंडालों के आसपास फैले कचरे को हटाने की कोई पहल की जा रही है। यह स्थिति न केवल स्वच्छता अभियान की मूल भावना को ठेस पहुंचा रही है, बल्कि स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
स्थानीय नागरिकों की ओर से जब समस्या असहनीय हो गई, तो माता महाकाली पोला रोड समिति के सदस्य वेद प्रकाश तिवारी राजकुमार साहू हर्ष राज सराफ एवं समिति के अन्य सदस्य नगर परिषद मझौली कार्यालय पहुंचे। वहां मौजूद मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) नीतू सिंह ने जवाब देने में टालमटोल की नीति अपनाई, जिससे नागरिकों में और अधिक आक्रोश फैल गया।
समिति के सदस्यों ने आरोप लगाया कि सीएमओ नीतू सिंह को इस गंभीर समस्या की कोई जानकारी ही नहीं है। ऐसे में स्वाभाविक है कि सफाई व्यवस्था की हालत बद से बदतर होती जा रही है। नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया तो वे जनआंदोलन का रास्ता अपनाने को बाध्य होंगे।
प्रशासन की चुप्पी और जनता की तकलीफ
यह स्थिति साफ तौर पर दर्शाती है कि नगर परिषद मझौली में स्वच्छता जैसे गंभीर विषय पर भी केवल कागजी कार्रवाई हो रही है। जबकि केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे “स्वच्छ भारत मिशन” का उद्देश्य देश को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना है, मझौली में यह मिशन सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गया है।
स्थानीय लोगों की मांगें
1. मेन मार्केट सहित पूरे शहर में नियमित रूप से सफाई की जाए।
2. सफाई कर्मियों की उपस्थिति की मॉनिटरिंग हो।
3. जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
4. नागरिकों की शिकायतों पर तत्काल सुनवाई और समाधान हो।