छात्रों की सुरक्षा को लेकर जारी की एसओपी
दिल्ली
स्कूलों में प्रार्थना के बाद एवं छुट्टी के पहले 10 मिनट गुड टच एवं बैड टच की बच्चों को दी जाए जानकारी।
प्राइवेट स्कूलों में बाल सहायता एवं सुझाव समिति का गठन किया जाए। जिसमें प्राइमरी, मिडिल एवं हाई सेकेंडरी में से एक-एक अभिभावक कुल तीन अभिभावकों को समिति में शामिल करें।
समिति की प्रत्येक माह में बैठक हो। बैठक की रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भेजी जाए।
स्कूल आवागमन के साधनों में महिला चालकों को प्राथमिकता दिए जाए।
स्कूल आवागमन की व्यवस्था में उच्च न्यायालय की गाइडलाइन का पालन हो।
सीसीटीवी कैमरे के डीबीआर का डाटा कम से कम 30 दिनों तक रखा जाए।
स्कूल से जुड़े सभी कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन हो।
प्री प्राइमरी में प्राथमिकता के साथ 75 फीसदी महिलाएं स्टाफ ही रखना सुनिश्चित करें।
15 दिनों में एसओपी का पालन सुनिश्चित कर बाल आयोग को अवगत कराएं।