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Sunday, June 22, 2025

रवींद्र भवन, भोपाल में ‘यूथ फॉर लाइफ’ कार्यक्रम के शुभारंभ में मुख्यमंत्री जी के उद्बोधन बिंदु

भारतीय संस्कृति अद्भुत है, जिन खतरों की आज विश्व चर्चा कर रहा है उन खतरों के तरफ पहले से ही ध्यान हमारे संतों का और ऋषियों का गया

भोपाल

हमें कहा गया कि एक ही चेतना सभी में है। मनुष्य मात्र में एक चेतना, इसलिए कहते हैं सियाराम मय सब जग जानी करहुं प्रनाम जोरि जुग पानी।

ये चेतना केवल मनुष्यों में नहीं, हमारी संस्कृति में कहा गया है कि प्राणियों में भी वही चेतना है। गौ माता की पूजा करो उनमें 33 करोड़ देवताओं का वास है।

10 अवतारों में से 3 अवतार पशु के रूप में हुए हैं, चौथा नरसिंह अवतार आधे मनुष्य के रूप में आधे पशु के रूप में, उनकी भी हमने पूजा की।

हमारे देवताओं के जितने वाहन हैं उनके वर्णन करने की आवश्यकता नहीं है। दुर्गा मैया सिंह की सवारी करती हैं। भगवान शिव नंदी पर विराजित होते हैं। गणेश जी का वाहन मूषक है। कार्तिकेय मोर की सवारी करते हैं। इसके पीछे ये अर्थ है कि इनमें भी वही चेतना है।

आज दुनिया पौधरोपण की बात कर रही है। कृष्ण जी ने बरसों पहले कहा था गोवर्धन की पूजा करो। ये संदेश पेड़-पर्वत बचाने के लिए था।

गंगा, सिंधु, कावेरी, यमुना, सरस्वती ये नदियों को मां मानकर पूजो, उनको भी स्वच्छ रखना है।

भारत ने हजारों साल पहले इन विषयों पर सोचा था और पर्यावरण के महत्व को समझा। भारत ने कहा कि प्रकृति का शोषण मत करो, प्रकृति का दोहन करो।

मैं आपको शोषण और दोहन का अंतर बताना चाहता हूं – आपके पेड़ में यदि फल लगते हैं, उसको तोड़ना और खा लेना ही दोहन कहलाता है लेकिन अगर कोई कुल्हाड़ी से आम के पेड़ काट दे तो उसे शोषण कहेंगे।

प्रकृति से उतना ले लो जिसकी भरपाई प्रकृति अपने आप कर दे।

भौतिक प्रगति की अंधी चाह ने मनुष्यों तुम्हें अंधा बना दिया। जंगल के जंगल साफ कर दिए, हमने ये पाप किया है। इसलिए कई संकटों का हम सामना कर रहे हैं।

भारत में रोज पर्यावरण दिवस होता था। तुलसी मैया को पानी देना और शाम को दीपक जलाना, ये भारत की माता-बहनें हजारों साल पहले से करती आ रही थी।

2050 में धरती की सतह का तापमान 2 डिग्री बढ़ जायेगा।

आज विश्व पर्यावरण दिवस पर मैं चेताते हुए कह रहा हूं कि अगर हम नहीं जगे तो धरती आने वाली पीढ़ीयों के रहने लायक नहीं बचेगी।

हमने ज्यादा फसल उगाने के लिए कैमिकल फर्टिलाइजर का उपयोग कर अन्याय किया है। धरती को जहरीला बना रहे हैं, इससे कई तरह की बीमारी आई।

परिस्थिति को बदलना भी हमें ही होगा। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने हमें लाइफ्स का मंत्र दिया।

प्रदेश भर में 5,000 लाइफ वालंटियर्स हैं।

हम पांच चीजे कर सकते हैं:

एक: पेड़ लगाएं, मैं रोज तीन पेड़ लगाता हूं। मेरा आह्वान है पूरे मध्यप्रदेश को, जन्मदिन पर पेड़ लगाओ। विवाहित अपने सालगिरह पर पेड़ लगाएं। माता जी पिताजी की पुण्यतिथि पर पेड़ लगाएं।

दो: बिजली की जितनी जरूरत हो उतनी ही जलाएं। थर्मल पावर प्लांट प्रदूषण फैलाते हैं। हम पानी बचा सकते हैं।

हम ये संकल्प लें कि सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेंगे, कपड़े के थैले का उपयोग करेंगे। छोटी-छोटी आदतों में परिवर्तन कर हम धरती मां की बड़ी सेवा कर सकते हैं।

पर्यावरण फैशन नहीं है कि हम कर्मकांड कर ले और समझें की बच गये। हम अपने जीवन, लाइफस्टाइल में परिवर्तन करेंगे तभी पर्यावरण बचेगा, धरती बचेगी और आने वाली पीढ़ी भी इस धरती पर रह सकेगी।

एक बड़े पेड़ पर कितनी जिंदगियां पलती है। एक पेड़ पर लाखों जीव-जंतु रहते हैं। इतना पेड़ लगा दो जितना तुम्हारे सांस के लिए जरूरी है।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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