15.8 C
Jabalpur
Tuesday, December 24, 2024

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वित्तीय समावेशन आज की आवश्यकता है

जब दुनिया आर्थिक संकट से जूझ रही थी, तब भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कुशल वित्तीय प्रबंधन किया गया।

भोपाल

इससे भारत में कोई आर्थिक संकट नहीं आया। प्रधानमंत्री श्री मोदी जन-धन योजना बना कर गरीबों के बैंक खाते खोल कर समाजिक क्रांति लाए हैं। बैंकों से बिचौलियों को खत्म किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में Atal Bihari Vajpayee Institute of Good Governance and Policy Analysis द्वारा तैयार की गई जिलेवार वित्तीय समावेशन सूचकांक रिपोर्ट का विमोचन एवं वित्तीय समावेशन संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, नाबार्ड के सीजेएम श्री निरूपम मेहरोत्रा तथा बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में नाबार्ड की पुस्तिका का भी विमोचन भी किया गया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक कुशल वित्तीय प्रबंधन कर रही है। इससे मध्यप्रदेश का वित्तीय प्रबंधन भी बेहतर हुआ है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की यह पहली वित्तीय समावेशन रिपोर्ट है। इसे तैयार करने में अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान की सराहनीय भूमिका रही है। इसके लिए उन्होंने संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट प्रदेश के विकास में मार्गदर्शन का काम करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबका साथ-सबका विकास होने से देश सशक्त होगा। सभी सुखी हों, निरोगी हों, सबका मंगल और कल्याण हो, इसके लिए वित्तीय समावेशन जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जिस तरह से भारत को आगे ले जा रहे हैं, उसमें मध्यप्रदेश का योगदान भी बेहतर रहेगा। वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में प्रदेश में बैंक सखी, महिला स्व-सहायता समूहों से महिला सशक्तिकरण के लिए कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि बैंकों में केवल खाता खोलना ही पर्याप्त नहीं है, उसका सभी कार्यों में उपयोग भी जरूरी है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में हर माह रोजगार दिवस आयोजित कर हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। अमीरी और गरीबी की खाई खत्म करने का कार्य हो रहा है। पीएम स्व-निधि और उद्यम क्रांति योजना ने लोगों की जिंदगी बदल दी है। उन्होंने कहा कि सभी बैंकर्स को एक टीम के रूप में कार्य करने की जरूरत है। बैंकों तक सामान्य आदमी की पहुँच बनाने का प्रयास हो रहा है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सभी प्रमुख हितग्राहीमूलक योजनाओं में प्रत्यक्ष खाता हस्तांतरण डीबीटी को शामिल कर डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दिया गया है। वित्तीय अनियमितताओं की संभावनाओं को रोकने प्रधानमंत्री जन-धन योजनाओं के खातों में आधार लिंक भी किए जा रहे हैं। राज्य में 84 प्रतिशत से अधिक प्रधानमंत्री जन-धन योजना के खाते आधार से जुड़ चुके हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर श्री महेश कुमार जैन ने कहा कि मध्यप्रदेश में स्थापित अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान समय-समय पर राज्य सरकार को महत्वपूर्ण सुझाव दे रहा है, जिससे प्रदेश आर्थिक रूप से विकास कर रहा है। आर्थिक वृद्धि में बैंकों की उल्लेखनीय भूमिका है। उन्होंने कहा कि सभी बैंकर्स नागरिकों को आधारभूत वित्तीय सेवाएँ देने पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने वित्तीय साक्षरता एवं प्रभावी कम्युनिकेशन के लिए भी समझाइश दी। श्री जैन ने कहा कि मध्यप्रदेश को वित्तीय समावेशन के लिये 5-सी एप्रोच कंटेंट, केपेसिटी, कम्युनिटी, कम्युनिकेशन और कोलेबरेशन को अपनाना चाहिये। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को मजबूत करने पर ध्यान देने की जरूरत है।

संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2007 में संस्थान की स्थापना कर अनोखी शुरूआत की गई। आज के समय में आर्थिक वृद्धि अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है। इसके लिए संस्थान द्वारा तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। भारत को 5 ट्रिलियन डालर की इकॉनामी बनाने के लक्ष्य में बैंकों की भूमिका अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने संस्थागत वित्त, माइक्रो फाइनेंस, डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ाने और महिला स्व-सहायता समूहों की भागीदारी बढ़ाने के साथ माइक्रो फाइनेंस से जोड़ने पर भी बल दिया।

संस्थान की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती जी.व्ही. रश्मि ने बताया कि वित्तीय समावेशन सूचकांक वित्तीय वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिये तैयार किया गया है। सूचकांकों में राज्य में वित्तीय समावेशन में हुई प्रगति के मामले तथा मांग और आपूर्ति संकेतकों को शामिल किया गया है। वित्तीय समावेशन के स्तर का आकलन करने वित्तीय सेवाओं के उपयोग में पहुँच, उपयोग के आयामों और बाधाओं का उपयोग किया गया है। सूचकांक में वित्तीय समावेशन के विभिन्न पहलुओं पर जीरो से एक का स्कोर दिया गया है। राज्य ने पिछले 2 वर्षों में अपने वित्तीय समावेशन स्कोर में 0.238 से 0.283 तक सुधार किया है। कार्यक्रम में अतिथियों को स्मृति-चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।

सुंदरलाल बर्मन
सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

Latest News

Stay Connected

0FansLike
22FollowersFollow
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Most View