मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौतों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस बीच, राज्य सरकार ने लापरवाही के आरोपों के बीच सिविल सर्जन डॉ. नरेश गोन्नाने को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।
छिंदवाड़ा/भोपाल
**राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला बुधवार को अचानक छिंदवाड़ा पहुंचे और हालात की समीक्षा के बाद यह बड़ा कदम उठाया। डॉ. गोन्नाने लंबे समय से दोहरी जिम्मेदारी—CMHO और सिविल सर्जन— निभा रहे थे लेकिन जहरीले कफ सिरप से हुई बच्चों की मौतों को लेकर **उनकी भूमिका पर गंभीर सवाल उठे हैं।
डॉ. सुशील दुबे बनाए गए नए सिविल सर्जन
सरकार ने डॉ. गोन्नाने की जगह डॉ. सुशील दुबे को नया सिविल सर्जन नियुक्त किया है। हालांकि, हाईकोर्ट से स्टे के चलते डॉ. गोन्नाने फिलहाल CMHO पद पर बने हुए हैं। सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस मामले में आगे और भी **कड़े निर्णय लेने की तैयारी में है।
स्वास्थ्य मंत्री बोले: लापरवाही बर्दाश्त नहीं
मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने मीडिया से कहा, बच्चों की मौत बेहद दुखद और चिंताजनक हैं। इस मामले में किसी भी स्तर की लापरवाही को बख्शा नहीं जाएगा। जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन पर पहले से ही मौतों को छिपाने और समय पर जांच नहीं कराने जैसे आरोप लगते रहे हैं।
पिछले कुछ हफ्तों में छिंदवाड़ा जिले में कथित तौर पर जहरीले कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत हुई है। फॉरेंसिक जांच और दवा सैंपल की रिपोर्ट्स में सिरप में खतरनाक रसायनों की मौजूदगी सामने आई है, जिससे प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।
इस पूरे मामले ने प्रदेश में दवा नियंत्रण प्रणाली, अस्पतालों की निगरानी और प्रशासनिक जवाबदेही पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।