कीटनाशकों से पानी हो रहा प्रदूषित,प्राकृतिक खेती की ओर लौटें किसान, इसकी फसल मुनाफे वालीः मंत्री भूपेंद्र सिंह
खुरई
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने किसानों को बीज और चैप कटर का वितरण किया, कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न
खुरई जैविक और प्राकृतिक खेती अब बड़े मुनाफे का काम हो गया है। रासायनिक फर्टिलाइजर्स की अधिकता ने जमीन की जीवनशक्ति कम कर दी है और कीटनाशकों से जमीन के भीतर का पानी तक जहरीला हो रहा है। यह चिंता नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने खुरई में आयोजित शून्य बजट आधारित प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण के दौरान अपने उद्बोधन में व्यक्त की।
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि रासायनिक खादों और कीटनाशकों से पंजाब का गेंहू और पानी दोनों इस हद तक प्रदूषित हो चुके हैं कि वहां जनसामान्य में कैंसर की बीमारी बढ़ रही है। वहां कैंसर के इतने रोगी हो गये हैं कि अलग से कैंसर स्पेशल ट्रेन चलती है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि एक समय गेंहू के लिए प्रसिद्ध पंजाब प्रांत में आज मध्यप्रदेश से गेहूं जा रहा है और देश भर में मध्यप्रदेश के गेंहू की मांग बढ़ रही है।
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि आज समय की मांग है कि किसान प्राकृतिक, जैविक खेती की ओर बढ़ें। जैविक खेती से पैदा हुई फसलों के दाम ज्यादा मिलते हैं। किसान जैविक खाद के लिए पशुपालन भी अपनाएंगे तो इससे दोहरी आमदनी की संभावना बनेगी। दुग्ध उत्पादन और जैविक खाद उत्पादन दोनों डेयरी से मिलते हैं। इससे जैविक कृषि का आधार बनता है और किसान की आमदनी के नये श्रोत बन जाते हैं।
मंत्री श्री सिंह ने बताया कि जैविक कचरा खाद के साथ ऊर्जा के लिए भी उपयोगी है। हाल ही में मध्यप्रदेश की केबिनेट ने नरवाई (ट्राली) से भूसा बनाने की मशीन पर सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। मंत्री श्री सिंह ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में आए किसानों को जानकारी दी कि खुरई और मालथौन की 25 पंचायतों को वाटर शेड 2.0 परियोजना के तहत शामिल किया गया है। इसके तहत प्रत्येक पंचायत में 1.25 करोड़ रुपए के कार्य होंगे। इनमें प्लांटेशन, जल संरक्षण, सामूहिक कृषि मशीनों के क्रय की भी व्यवस्था है। इसमें एक से अधिक पंचायतों के समूह मिल कर बड़ी कल्टिवेशन मशीनें खरीद कर सामूहिक रूप से उपयोग कर सकते हैं। अमृतधारा मिशन के तालाबों से जलसंरक्षण, वृक्षारोपण से फलों के उद्यान लगाने के काम इसके तहत होंगे। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि स्वाइल हेल्थ कार्ड, फसल सुधारने की विभिन्न योजनाओं यहां तक कि फसल बीमा योजना जैसी योजनाओं की जानकारी भी कई किसानों को नहीं होती। इसके लिए शासन स्तर से कार्यशालाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिनका लाभ किसानों को लेना चाहिए।
मंत्री श्री सिंह ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में अवसर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना अंतर्गत एक हेक्टेयर में प्रदर्शन हेतु 40 किग्रा मसूर बीज का वितरण किया जिसमें कोटा-1 और आरव्हीएल-1 प्रजाति का उन्नत बीज है। मंत्री श्री सिंह ने सौ किसानों को 50 प्रतिशत के अनुदान पर चैपकटर मशीन का वितरण भी किया।
कार्यक्रम में मूरत सिंह पिपरिया, राजेंद्र सिंह नगदा, जंगबहादुर सिंह विनायठा, हरिशंकर कुशवाहा, रहीस सिंह विलैया, जितेंद्र सिंह धनौरा, सौभाग्य सिंह धनौरा, सीताराम नायक, जमना प्रसाद अहिरवार, अंकित ठाकुर, ओमप्रकाश घोरट, उपेंद्र सिंह, राजपाल सिंह, कलंक सिंह रेगुंवा, प्रतिपाल सिंह, महेश खैरा, माधवसिंह सिलौधा, सुनील जैन गढ़ौला, एसडीएम मनोज चौरसिया, एसडीओपी सुमीत केरकट्टा, कृषि उपसंचालक बीएल मालवीय, अनुविभागीय कृषि अधिकारी जेडी शर्मा, सहित सभी प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।