मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की नौकरी पर संकट: अभिलेखों का सत्यापन, भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम
पंकज पाराशर छतरपुर
मध्य प्रदेश में सराकरी कर्मचारियों की नौकरी पर संकट के बादल छा गए हैं। केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश शासन को आदेश जारी कर एक बार फिर ऐसे कर्मचारियों की रिपोर्ट तलब की है जिन्होंने 50 वर्ष कीे आयु अथवा 20 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है। आदेश के मुताबिक शासकीय सेवकों के अभिलेखों की समीक्षा करके अनिवार्य सेवानिवृत्ति के संबंध में रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है। इससे पहले भी सरकार की ओर से जुलाई और अगस्त में दो आदेश जारी कर जानकारी मांगी जा चुकी है। अक्षम और अयोग्य अधिकारियों कर्मचारियों की रिपोर्ट बनाकर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जायेगी l सभी विभागों को उन कर्मियों के कामकाज की समीक्षा कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति का निर्णय कर 20 दिन में रिपोर्ट भेजने को कहा गया है l मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी 54 विभागों को पत्र लिखकर कहा था कि 50 वर्ष कीे आयु अथवा 20 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले शासकीय सेवकों के अभिलेखों की समीक्षा करके अनिवार्य सेवानिवृत्ति के संबंध में रिपोर्ट भेजी जाए। मुख्यमंत्री शिवराज ने निर्देश दिए थे कि सरकारी कार्य में बेहतर कामकाज की आवश्यकता बताते हुए ऐसे अधिकारी जो अक्षम है अथवा अक्षमता के साथ कार्य करते हैं, उन्हें हटाया जाए। इसके लिए 20 साल की सेवा अथवा 50 साल की आयु पूरा करने वाले अधिकारी के कामकाज की समीक्षा रिपोर्ट 30 दिन के भीतर भेजी जाए। इसी रिपोर्ट के आधार पर संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया जाए। इधर जीएडी के उपसचिव ने बताया कि विभागों से जानकारी आना शुरू नहीं हुई है। सभी विभागों को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री की मंशा से अवगत करा दिया था। सरकारी काम-काज में गति लाने के लिए अधिकारी एवं कर्मचारियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे। लेकिन किसी भी विभाग ने अभी तक खराब परफार्मेंस वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों की रिपोर्ट तैयार करके सामान्य प्रशासन विभाग को नहीं भेजी है। जबकि विभाग ने सभी विभागों को पत्र लिखकर एक महीने के भीतर रिपोर्ट भेजने को कहा था l