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Sunday, June 22, 2025

मध्यप्रदेश में 1000 रुपये देने से ‘लुटती बहना’

क्या 1000 रुपये देने से ‘लुटती बहना’लाड़ली बहना हो जायेगी ?

 खबर खास 

चुनावी वर्ष में शिवराज सरकार जनता को गुमराह करने के नित नए नए तरीके खोज रही रही है। 18 वर्षों से सत्ता में काबिज सरकार को आज भी चुनाव के लिए जनता के बीच जाने से पहले तरह-तरह के हथकंडे अपनाने पड़ रहे हैं।

सवाल एक ही उठता है –अभी तक कहाँ थे ? चुनाव आया तो अचानक से लुटती बहना ‘लाड़ली बहना’ हो गई ?

हकीकत में तो हम इस कंसराज में 2004 से लेकर अब तक बलात्कार में लगातार अव्वल आ रहे हैं, लाड़ली बहना के बच्चों की असुरक्षा में भी हम पूरे देश में नंबर 1 बने हुए हैं, नाबालिगों को अपराधी बनाने में भी मध्यप्रदेश नंबर 1 है, लाड़ली बहना और उनके बच्चों के कुपोषण में भी हम नंबर 1 हैं, आज हमारी लाड़ली बहना के बच्चे स्कूल छोड़कर मजदूरी करने को विवश हैं, लाड़ली बहना की रसोई का बजट इसलिए बिगड़ गया है क्योकि शिवराज सरकार पूरे देश की तुलना में सबसे ज्यादा टैक्स वसूल रही है।

आप यदि इस योजना की हकीकत समझना चाहते हैं तो आपको समझना होगा की कांग्रेस सरकार में 350 रुपये में मिलने वाला रसोई गैस सिलेंडर आज 1100 रुपये में, 70 रुपये में मिलने वाला पेट्रोल आज 110 रुपये में, 100 रुपये में मिलने वाली बिजली आज 1000 रुपये में, घर का राशन खर्च आज 1000 रुपये महीने से बढ़कर 3000 रुपये महीने हो गया है। इसी तरह अस्पताल, दवा, दूध, फल और सब्जियों के दाम भी लाड़ली बहना को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

स्पस्ट है की कांग्रेस सरकार में जो एक औसत घर खर्च 2650 रुपये महीना था, आज शिवराज सरकार की परोसी महंगाई ने उसे 7650 रुपये महीना पहुंचा दिया है। महंगाई ने लाड़ली बहना के घर पर 5000 रुपये महीने का अतिरिक्त बोझ डाल दिया है।

लाड़ली बहना योजना को सरल शब्दों मे यूँ समझें कि लाड़ली बहना से हर महीने 5000 रुपये लूटा जा रहा है और फिर इसी लूट की रकम से 1000 रुपये महीना लौटने का झांसा दिया जा रहा है। 

मध्यप्रदेश की बेटियां बीजेपी सरकार के इस चुनावी छलावे और आदतन जालसाज़ी को अच्छे से समझ रहीं हैं। मध्यप्रदेश की लाड़ली बहना समझ चुकी है की उसकी खुशहाली तब ही वापस आयेगी जब ये बीजेपी सरकार प्रदेश से जायेगी।

मध्यप्रदेश की बेटियां 1000 रुपये के बदले में बीजेपी की लूट का शिकार नहीं होंगी। सवाल 1000 रूपये से कहीं ज्यादा बेटियों-बहनों का भविष्य बचाने और बनाने का है।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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