जान-माल की सुरक्षा और संभावित अग्नि दुर्घटना पर रोक लगाने कलेक्टर श्री यादव ने जारी किया आदेश
कटनी –
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री दिलीप कुमार यादव ने कानून व्यवस्था तथा जन सुरक्षा की दृष्टि से कटनी जिले की राजस्व सीमा के भीतर फसल कटाई के उपरांत बचे फसल अवशेष नरवाई नहीं जलाने संबंधी प्रतिबंधात्मक आदेश शुक्रवार को जारी कर दिया है।
जिला दंडाधिकारी श्री यादव द्वारा यह प्रतिबंधात्मक आदेश उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर जारी किया गया है। कलेक्टर श्री यादव ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के धारा 163 के तहत और आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत फसल कटाई उपरांत खेतों में नरवाई जलाने की प्रक्रिया को प्रतिबंधित किया है।
नरवाई जलाने पर होगी कार्यवाही
कलेक्टर श्री यादव द्वारा प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करने के बाद यदि कोई भी कृषक या व्यक्ति नरवाई में आग लगाता है, तो प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन मानते हुये संबंधित व्यक्ति एवं कृषक के विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 सहित वायु प्रदूषण निवारण और नियंत्रण अधिनियम के तहत दंडात्मक एवं जुर्माने की कार्यवाही की जायेगी।
यह आदेश जिला दण्डाधिकारी द्वारा एक पक्षीय पारित किया गया है। यदि इस आदेश से व्यथित कोई भी व्यक्ति भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत अपनी आपत्ति दर्ज कराना चाहता है तो, वह व्यक्ति अपना आवेदन कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत कर सकता है। नरवाई जलाने से संबंधित प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से जिले में आगामी 2 माह के लिये प्रभावशील रहेगा।
बनती है अग्नि दुर्घटना की संभावना
किसी व्यक्ति या किसान द्वारा फसल कटाई के द्वारा किसान उपायों को अपनाये बिना आग लगाकर खेतों की सफाई करने से उड़ने वाली आग की चिंगारी से आसपास के खेतों में आग लगने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा नरवाई जलाने से बड़ी मात्रा में धुआं उत्पन्न होता है जिससे पर्यावरणीय प्रदूषण भी बढ़ता है। इसके मद्देनजर कलेक्टर श्री यादव ने नरवाई जलाने पर अग्नि दुर्घटना, पब्लिक न्यूसेंस, जनहानि, धनहानि, पशु एवं पक्षियों की हानि, खेत खलिहानों में रखी फसल का नुकसान एवं मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसके मद्देनजर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है। साथ ही नरवाई जलाने से लोक परिशांति भंग होने के साथ-साथ कानून व्यवस्था की विपरीत स्थिति निर्मित होती है और लोक सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो जाता है। जिससे किसी आपदा की स्थिति की आशंका बनी रहती है। इसलिए फसल अवशेषों को खेतों में जलाये जाने को प्रतिबंधित किया गया है।