जिले में इन दिनों नागौद एसडीएम धीरेंद्र सिंह की अफसरशाही चरम पर है
सतना
प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान एवं जिले के एकमात्र मंत्री रामखेलावन पटेल जी जिनके पास विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्ध घुमक्कड़ विभाग है ।
सरकार के द्वारा ऐसी जनजातियों को विकासशील बनाने के लिए बहुत सारी योजनाए बनाई गई है और जिन सभी जातियों को विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ श्रेणी में शामिल किया गया है उन सभी जातियों का, जाति प्रमाण पत्र प्रमुखता से बनाए जाने के लिए सभी जिलों में सरकारी आदेश जारी किए जा चुके हैं।
लेकिन नागौद एसडीएम धीरेंद्र सिंह की अफसरशाही इस कदर हावी है कि सरकार के आदेश का पालन नहीं हो पा रहा है जिससे विमुक्त घुमंतू एवं अर्ध घुमंतू जनजातियों में शामिल समाज के लोगों का जाति प्रमाण पत्र बन पाना मात्र सपना ही रह गया है।
विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ में शामिल जातियां पाल,गडारी का अब यदि जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाए जाते हैं तो विमुक्त घुमंतू एवं अर्ध घुमंतु जातियों को मिलने वाला सरकारी लाभ कागजों पर ही दम तोड़ देगा ।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल जी के द्वारा हर संभव प्रयास करके समाज से उपेक्षित आर्थिक रूप से कमजोर जातियों को विकासशील बनाया जा रहा है।
लेकिन शायद नागौर एसडीएम धीरेंद्र सिंह की अफसरशाही सरकार के सपनों पर पानी फेर ती नजर आ रही है। और शायद ही 2023 में होने वाले विधानसभा के चुनाव में सरकार को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
*क्या है विमुक्त घुमंतू एवं अर्ध घुमंतु जातियां-*
विमुक्त घुमंतू और अर्ध घुमंतू जनजातियों जो समाज के सबसे अधिक उपेक्षित वंचित और आर्थिक तथा सामाजिक रूप से वंचित समुदाय है इनमें से अधिकतर कई पीढ़ियों से निराश्रित जीवन जी रहे हैं और अभी भी मनुष्य तथा उदास भविष्य में जी रहे हैं विमुक्त घुमंतू और अर्ध घुमंतू जनजातियों हमारी विकासात्मक संरचना को आकर्षित करने से रह गई हैं और अनुसूचित जनजातियों के विपरीत सहायता से वंचित है। ऐतिहासिक रूप से इन समुदायों के पास कभी भी निजी भूमि अथवा ग्रह स्वामी तो नहीं रहा है यह जनजातियां अपने जीवन यापन और आभासी उपयोग के लिए जंगलों और चारागाह पर निर्भर रही हैं इन जनजातियों को भी विकासशील बनाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं जिले में संचालित कर रखी हैं इन में आने वाली जातियां *जोशी, गडारी ,पाल, कलदर, कसाई, बागड़ी, कंजर ,नागर ,नट ,सपेरा, बैरागी, कूचबिहार ,कलबधिया ,पासी, राजगोड, जोगी,बागडी, बहेलियां आदी।*