प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 30 जुलाई को करेंगे बिजली हितग्राहियों से संवाद
ऊर्जा मंत्री श्री प्रदुम्न सिंह तोमर ने बताया है कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य-ऊर्जा@2047 कार्यक्रम 25 जुलाई से पूरे प्रदेश में आयोजित किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 30 जुलाई को खरगोन जिले के ग्राम सेल्दा में बिजली हितग्राहियों से वर्चुअल संवाद करेंगे।
ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने बताया है कि उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य के तहत आयोजित कार्यक्रमों में बिजली के महत्व एवं संरक्षण और ऊर्जा साक्षरता के बारे में नुक्कड़ नाटक आदि से बिजली उपभोक्ताओं को जानकारी दी जा रही है। कार्यक्रम में आजादी के अमृत महोत्सव के साथ ऊर्जा के महत्व और उपलब्धियों से भी अवगत कराया जा रहा है। ऊर्जा मंत्री श्री तोमर और मध्यप्रदेश ऊर्जा निगम के अध्यक्ष श्री गिर्राज दण्डोतिया 30 जुलाई को ग्वालियर में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।
प्रदेश में बिजली क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ
– अटल गृह ज्योति योजना में घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घण्टे बिजली उपलब्ध कराई जा रही है।
– वर्तमान में बिजली की कुल अनुबंधित क्षमता 22 हजार 672 मेगावाट है।
– प्रदेश में वर्तमान अति उच्च दाब लाईनें 41 हजार 431 कि.मी. हैं।
– सौभाग्य योजना में प्रदेश में 19 लाख घरों को बिजली कनेक्शन दिया गया है।
– प्रदेश में विगत 10 वर्षों में विभिन्न योजनाओं में 30 हजार करोड़ रूपये से अधिक बिजली संबंधित कार्य कराएँ गए है।
– गैर पारम्परिक ऊर्जा स्त्रोंतो की अनुबंधित क्षमता 6 हजार 38 मेगावाट है।
देश की महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ
– देश में क़रीब 1 लाख 69 हजार मेगावाट क्षमता स्थापित की गई है। पहली बार देश बिजली की कमी वाला देश होने के बजाय बिजली की अधिकता वाला देश बना है।
– करीब 1 लाख 60 हजार कि.मी. लंबी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण कर पूरे देश को एक ग्रिड में जोड़ दिया गया है। आज हम पूरी दुनिया में सबसे अधिक ट्रांसमिशन लाइन क्षमता वाला देश बन गए हैं। इस अवधि में देश ने सबसे अधिक ट्रांसमिशन क्षमता स्थापित करने का नया कीर्तिमान स्थापित किया।
– देश के हर गाँव और हर घर को बिजली से जोड़ा गया है।
– क़रीब 2 लाख 2 हजार करोड़ रूपये के ख़र्च से पूरी विद्युत वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया गया है।
– आज देश में औसतन क़रीब साढ़े 22 घंटे प्रतिदिन विद्युत आपूर्ति की जा रही है, जो कि वर्ष 2014 तक सिर्फ़ 12 घंटे प्रतिदिन थी।
– ग़ैर पारंपरिक ऊर्जा के क्षेत्र में हमारी क्षमता पिछले आठ वर्षों में दोगुनी हो गई है। आज हमारी कुल स्थापित क्षमता का क़रीब 40 प्रतिशत भाग ग़ैर-पारंपरिक ऊर्जा पर आधारित है।
– देश में ग़ैर पारंपरिक ऊर्जा पर आधारित कुल क्षमता 76 हजार मेगावाट से बढ़कर 1 लाख 60 हजार मेगावाट हो गई है। यह पूरे विश्व में चौथे स्थान पर है।