गंभीर धाराओ ने अपराध होने के बाद भी क्या कोई मंडी थाने का पुलिसकर्मी फरारी कटवाने में कर रहा सहयोग ?
अजय राज केवट भोपाल मध्यप्रदेश
शाजापुर शुजालपुर-प्रदेशभर में पुलिस प्रशासन के कुछ चुनिंदा अधिकारियों द्वारा आजकल लोकतंत्र की हत्या करने व आम नागरिकों के संविधानिक अधिकारों का हनन करने का रिवाज अपने चरम सीमा पर पहुच चुका है जिसमे आजकल जिले से लेकर प्रदेश लेवल तक अधिकांश पुलिस कर्मचारी व अधिकारी मिल जाएंगे जो समस्त विभाग की छवि को धूमिल करके मटियामेट करने में लगे है वो चाहे आरटीओ में हो या क्राइमब्रांच से लेकर विभाग की अन्य अन्य शाखाओं में पदश्त हो अधिकांश आज देशभक्ति व जनसेवा की शपथ को पलीता लगाते नज़र आ रहे है लेकिन जब भी विभाग से संबंधित अधिकारियों की कार्यशैली में मानवता व ईमानदारी की बात आती है तो मध्यप्रदेश शासन के समस्त विभागों में शाजापुर जिले का ग्रह विभाग के अंतर्गत पुलिस प्रशासन ही हमेशा सुर्खियों में नज़र आता है जिसका ताजा उदाहरण अभी कुछ दिन पूर्व की घटना में देखने को मिला जिसमे खुद पुलिस विभाग के रक्षक जवान ही कानून की धज्जियां बिखेरते हुए शहर के स्वप्नसिटी कॉलोनी की रहने वाली अबला नारी की इज्जत लूटकर बलात्कार जैसे जघन्य अपराध को अंजाम दे डाला जिसमे दोनो के द्वारा गरीब महिला की मजबूरियों का फायदा उठाकर दोनो पिछले कई वर्षों से महिला के साथ यौन संबंध बना रहे थे और कहते है कि पाप का घड़ा एक दिन फूटता ही है परेशान महिला ने परेशान होकर आखिरकार दोनो बलात्कारी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा पंजीबद्ध करवा ही दिया ओर मुकदमा पंजीबद्ध होने के बाद आजतक भी दोनो बलात्कारियो का हमेशा की तरह कटघरे में खड़ी रहने वाली मंडी पुलिस आजतक भी पता नही लगा पाई है
मर्ग कायम करने में आनाकानी करने के कारण उपनिरीक्षक जया सुनेरी की कार्यशैली पर भी उठ रहे सवाल
वैसे तो उपनिरीक्षक जया सुनेरी मंडी थाने में महिला संबंधित अपराधों में विवेचना करने के लिए मुख्य रूप से पदस्थ है लेकिन जब एक महिला अधिकारी ही दूसरी पीड़ित महिला द्वारा लगाए गए अपराधों की विवेचना करने में आनाकानी करे तो फिर न्याय की आस दूर की कौड़ी नज़र आने लगती है और यह सारे आरोप हम नही लगा रहे यह तो खुद पीड़ित महिला ही लगा रही है जिसमे वह यह कहती नज़र आ रही है आरोपी एसआई छत्रसाल पवार नाम हटाने के लिए जया सुनेरी द्वारा मुझ पर भरसक दबाव बनाया गया लेकिन आखिकार सत्य की जीत हुई और जया सुनेरी को मुकदमा पंचीबद्ध करना ही पड़ा
मंडी थाने में पदस्थ मूलचंद धाकड़ पर भी काफी समय से लग रहे लेनदेन के आरोप
वैसे तो चम्बल के बीहड़ों का रहने वाला एएसआई मूलचंद धाकड़ अपने पिछले कार्यकालों में काफी गुल खिला चुका है जिसमे साहब द्वारा गरीब फरियादियो को डरा धमकाकर व मानव मूल्यों को छोड़कर धाराओं को घटाने बढ़ाने में जैसे साहब ने पीएचडी कर रखी हो ओर यही खेल आजकल शहर के सबसे संवेदनशील मंडी थाने में पदश्त होने के बाद से कर रहा है जिसके कई प्रमाण माही की गूंज, प्रखर न्यूज व्यूज एक्सप्रेस जिला ब्यूरो के पास सुरक्षित है जो अगले अंको में विस्तार के साथ प्रकाशित किये जायेंगे