डॉ पारस ठाकुर ने तीन वर्षों मे लगभग 30 लाख रुपयों के मिशन के फंड का किया गबन
मझौली बड़ी खबर
लोकायुक्त मे 30 लाख रुपयों के गबन की शिकायत की तो शिकायकर्ता का दुर्भावना की नीयत से मिशन संचालक ने कर दिया ट्रांसफर
हाईकोर्ट ने दिया स्टे और नोटिस।
WP No.4018/23
दिनांक 22 फरवरी 22 को माननीय हाईकोर्ट की जस्टिस संजय द्विवेदी की कोर्ट ने अमित चंद्रा, ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर मझौली की याचिका मे स्टे आर्डर देकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन म प्र के मिशन संचालक सहित 7 रिस्पाडेंट्स को नोटिस जारी किये।इसमें डाॅ पारस ठाकुर बी एम ओ मझौली को व्यक्तिगत तौर पर पार्टी बनाया गया है।
इसके पहले भी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली बीएमओ डॉ पारस ठाकुर के द्वारा बिना ड्यूटी के एंट्री ऑपरेटर को मानदेय भुगतान किया जा रहा था
बीएमओ पारस ठाकुर की कार्य शैली से आमजन परेशान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली में आए दिन डाॅ नदारद मिलते हैं इसके पहले भी कई बार शिकायत हो चुकी है।
राजनैतिक संरक्षणो के चलते बीएओ पारस ठाकुर विगत कई वर्षों से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली में पदस्थ हैं
नगर मझौली और आसपास ग्रामीणों में धड़ल्ले से चल रहा है झौला छाप डॉक्टरो का व्यापार बीएमओ डॉ पारस ठाकुर के संरक्षण में
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली में साम 6 बजे के बाद डाॅक्टर नदारद मिलते हैं ग्रामीणों से आए गर्भवती महिलाएं हों या अन्य लोगों के मरीजों को बगैर किसी जांच पड़ताल करने के तुरंत जबलपुर सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल होस्पिटल रिफर कर दिया जाता है ।स्वास्थ्य केंद्र मझौली में सोनोग्राफी मशीन होने के बावजूद जांच नहीं की जाती गर्भवती महिलाएं और आसपास ग्रामीणों से आए मरिजो को प्राइवेट में सोनोग्राफी करवानी पड़ती है।
ज्ञातव्य हो कि सितंबर 2021 मे अमित चंद्रा ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर 12 वर्षो की नौकरी करने के बाद नरसिंहपुर सालीचौका से ट्रांसफर होकर मझौली सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मे आये थे।अक्टूबर महीने मे उनके पास चौरसिया ट्रेवल सिहोरा का 25 हजार का बिल भुगतान करने के लिए पोर्टल पर रिकमंड करने आया।
श्री चंद्रा ने पाया कि महीने भर से कोई वाहन बी एम ओ के लिए नहीं आया तो बिल कैसे आया बिल मे गाडी नंबर भी नहीं था।चौरसिया ट्रेवल का कांट्रेक्ट भी नही है। इनक्वायरी करने पर पता चला कि अप्रैल 2019 से ऐसा ही भुगतान डॉ पारस ठाकुर के द्वारा निकाला जा रहा है। चूंकि बिल फर्जी था श्री चंद्रा ने उसे रिजेक्ट कर दिया।
इसके बाद से बी एम ओ द्वारा उन्हें परेशान किया जाने लगा और उनकी झूठी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाने लगी ताकि बी पी एम को मझौली से हटा दिया जाये।
मार्च 2022 मे फिर दो लाख रुपयों के फर्जी बिल डॉक्टर पारस ठाकुर ने पोर्टल पर अपलोड कराये।अमित चंद्रा के द्वारा ने उन बिलों को भी नाट रिकमंड कर दिया जिसके बदले मे डॉ पारस ठाकुर ने उनकी मार्च की पेमेंट बेबजह रोक दी।
अत्यधिक रिपोर्ट किए जाने पर श्री चंद्रा ने फंड के खर्चे की खोजबीन की तो पता चला कि डॉ पारस ठाकुर ने तीन वर्षों मे लगभग 30 लाख रुपयों के मिशन के फंड से किया गबन है।
श्री चंद्रा ने गबन की शिकायत मिशन डायरेक्टर और लोकायुक्त भोपाल को कर दी। मिशन संचालक के आफिस मे शिकायत को दबा दिया गया परंतु लोकायुक्त भोपाल ने डॉ पारस ठाकुर के विरुद्ध प्रकरण पंजीकृत कर स्वास्थ्य विभाग को जांच करने के निर्देश दिये।
सीएमएचओ आफिस मे मामले को एक महीने से भी अधिक दबाकर रखा गया और डॉ पारस को जानकारी लीक कर दी।
अमित चंद्रा के विरुद्ध भडकाकर उनसे झूठी शिकायतें करके भोपाल भिजवाई ।
मिशन संचालक ने भी डाॅ पारस ठाकुर का साथ देते हुए बिना सच्चाई के जांच किए दंड स्वरूप अमित चंद्रा का ट्रांसफर मझौली से तेदूखेडा दमोह कर दिया ताकि लोकायुक्त जांच को प्रभावित किया जा सके।
अवैध ढंग से किए गये ट्रांसफर आर्डर को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर मे चुनौती दी गई।
याचिकाकर्ता के वकील श्री अरविंद श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि यह ट्रांसफर आर्डर दुर्भावना की नियत से किया गया है और नेचुरल जस्टिस के विपरीत है अतः स्टे आर्डर दिया जाये।
माननीय न्यायालय ने दलीलों को सही मानते हुए स्टे आर्डर जारी कर दिया।