तत्कालीन सरकार ने वो कर दिखाया जो आज तक किसी सरकार ने नही किया
शेरा मिश्रा पत्रकार
विजयराघवगढ़
अच्छे दिनो का इंतजार समाप्त है तो हर बात मुमकिन है। मन की बात कहते कहते देश को इस हालतों मे लाकर रख दिया की देश के नागरिकों का मन ही बदल रहा। सरकार हर उत्सव मनाती आ रही है।
महगाई भी तो तत्कालीन प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री ने ही दी है।
फिर इसे एक योजना का नाम क्यो नही दे पा रही है सरकार।
आज हर हद पार कर चुकी महगाई का जश्न सरकार को मनाना चाहिए ।
क्योंकि सरकार की ही देन है। यह बात भी सत्य है की तत्कालीन सरकार ने बडे बडे फैसले देश हित मे लिए। किन्तु देश के गरीबों को वह फैसले तभी काम आएगे जब वह भरपेट भोजन कर सकेगा। अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके जान है तभी तो जहान है। अंन्य योजनाओं का लाभ मानव जाती तभी उठा पाएगी जब महगाई की चपेट से बचेगी। तत्कालीन सरकार के द्वारा कितनी भी लाभदायक योजनाएं क्यो न चलाई गई हो।
किन्तु क्या महगाई का तोड किसी योजना मे है। इसकी चपेट मे सबसे ज्यादा मध्यम वर्गीय और गरीब आदमी दम तोडता नजर आ रहा है। सरकार के द्वारा किए गए वादे और रोज़गार की बातें कही दिखाई देती नजर नहीं आ रही है।देश के युवाओं नागरिकों के सपने चुर चुर हो गये। फिर भला ऐसे हालातों मे कहा किसी के मन की बात अच्छी लगती है। सुई से सोने तक का व्यापार चारगुना अधिक हो गया। सभी के आय रुकी सी है। इसका परिणाम यह हो रहा है की अवैध कार्यो मे बढोत्तरी चोरी डकैती जैसे अपराध इस भुखमरी की बजह से बढ रहे हैं। सरकार कितने भी उत्सव मनाए किन्तु देश आज उत्सव के योग्य नही रहा। देश आज गलत हाथो मे रह गया है। देश की हालत बतसे बततर हो चुकी है।