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Monday, February 24, 2025

अपने वादों को भूली भाजपा, सरकार मांझी मछुआरों की बात कर रही अनसुनी 

प्रदेश में एक और जहां भाजपा सरकार द्वारा माझी जनजाति के आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार को भेजी रिपोर्ट पिछले 2 वर्षों से वापिस आकर फाइलों में दबी पड़ी है और अभी तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है

नरसिंहपुर 

✍🏾 अमर नोरिया ( पत्रकार )

समाज के अनेक संगठनों सहित भाजपा समर्थित सामाजिक संगठनों के मुखिया भी आरक्षण को लेकर सरकार से गुहार लगा रहे हैं, और ऐसे दौर में मछुआरों के लिये सुविधाओं सहित प्रदेश में मत्स्य उत्पादन बढ़ाये जाने को लेकर जिस तरह की बातें सरकारी बैठकों में हो रही हैं उससे लगता है कि यह केवल वंशानुगत मछुआरों व माझियों को भरमाने की बातें हैं । मत्स्य पालन नीति 2008 व मध्यप्रदेश सरकार द्वारा गठित मछुआ कल्याण बोर्ड के सदस्यों के माध्यम से जो सिफारिशें मध्यप्रदेश सरकार को सौंपी गई थी उनको आज तक लागू नहीं किया गया है मत्स्य समितियों के चुनाव भी पिछले कई वर्ष से नहीं कराये गये हैं, जिसके चलते मत्स्य महासंघ में अफसरशाही हावी है वर्तमान में इंदिरा सागर बांध में मत्स्याखेट के ठेकेदार द्वारा ठेके की राशि न जमा किये जाने से मछुआरों को मछली मारने से रोका जा रहा है जिसके चलते सैकड़ों मछुआरों के सामने रोजगार का संकट बन गया है और इतना सब होने के बाद नतीजा यह है कि मध्य प्रदेश के वंशानुगत मछुआरे आज अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं के लाभ से वंचित हैं । मछुआरों व मत्स्य पालकों के लिए केंद्र व राज्य सरकार की जो योजनाएं संचालित की जा रही हैं उनका लाभ वास्तविक और वंशानुगत मछुआरों को अब भी नहीं मिल पा रहा है । मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के बड़े बड़े जलाशयों को ठेके पर देकर ठेकेदारों के हाथों ही वंशानुगत मछुआरों को मिलने वाला नफा और नुकसान सौंप दिया है ऐसे में यह जरूरी है कि वंशानुगत मछुआरों व उनके प्रतिनिधित्व करने वालों के सुझाव व उनकी बातों को सरकारी बैठकों में प्रमुखता से सुनी व रखे जाने का अवसर प्रदान किया जावे किन्तु ऐसा कुछ नहीं है । प्रदेश में मत्स्य उत्पादन बढ़ाने को लेकर कार्ययोजना तैयार की जाती है और पिछली केबिनेट बैठक में 100 करोड़ रुपये मत्स्य पालन योजना के तहत आवंटित किये जाने की बात भी सामने आई यह अच्छी बात है, किंतु मत्स्य उत्पादन बढ़ने पर मछुआरों की आय कैसे बढ़ेगी उनके रोजगार के अवसर कैसे बढ़ेंगे इस पर उसकी क्या योजना है यह भी पारदर्शी होना चाहिये,जैसा कि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान भी सभा में तालाबों पर दबंगों के कब्जे को लेकर खुले मंच से बात कह चुके हैं किन्तु तालाबों का पट्टा वंशानुगत और वास्तविक मछुआरों को मिल सके उसके लिए सरकार की मंशा के विपरीत हालात आज भी कई जिलों की ग्राम पंचायतों में स्थित तालाबों में देखे जा सकते हैं ऐसे में अब सरकारी स्तर पर बैठकों में बनी योजनाओं व वर्तमान में संचालित हो रही विकास यात्रा से मछुआरों को कितना लाभ होगा यह आने वाले समय में ही देखने को मिलेगा ….

सुंदरलाल बर्मन
सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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