चुनाव आयोग में शिकायत होने पर मजबूरी में भोपाल कमिश्नर ने राजधानी के 9 थाना प्रभारियों को थाने से हटाया
भोपाल
चुनाव आयोग में शिकायत होने पर मजबूरी में भोपाल कमिश्नर ने राजधानी के 9 थाना प्रभारियों को थाने से हटा कर खानापूर्ति तो कर दी पर जिन थाना प्रभारियो को भोपाल ने जमे कई साल हो गए ही उनका जिला बदलने में तो पीएचक्यू कोई रुचि नहीं दिखा रहा ही जिसका नतीजा यह है कि थाना प्रभारी तो जैसे बिना थाने के रह ही नही पा रहे हैं कुछ टी आई साहब का थानों को छोड़कर लाइन मे ड्यूटी करने का बिल्कुल भी मन नहीं लगा और उन्होने पूराने थाने के पड़ोसी थाने में गुपचुप तरीके से सिंगल आदेश में पोस्टिंग भी करवा ली और अपनी पवार फिर अपने ही विभाग के वरिष्ठ अधिकारियो को दिखा दि है गुप्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि टी आई साहब पीएचक्यू के प्रशाशन एडीजी मोहदय के बेहद करीबी लोगो में से एक है और राजनीतिक घरानों में भी उनका आना जाना बहुत है साहब के कुछ रिश्तेदार भी भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी और मंत्री पद पर काबिज है और भी कई इंस्पेक्टर रेंक के आधिकारी भी काफ़ी समय से भोपाल में जमे हुए है उनका ट्रांसफर जिले के बाहर नही किया जा रहा है क्या यह विभागीय नियम के विरुद्ध नही है
और जिन थाना प्रभारियो के ट्रांसफर जिले में हुए भी है तो वह आए दिन अपने पुराने थाना क्षेत्र में भी घूमते देखे जाते है जैसे कि कोई पुराना हिसाब किताब या लेन देन वहा बाकी रह गया हो कई प्रभारी तो ऐसे भी हैं जो कि अभी से कमिश्नर ऑफिस और पीएचक्यू के चक्कर काटने में ही ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीत कर रहे हैं थाने में पोस्टिंग के लिए सब अपने-अपने जुगाड़ बैठाने में लगे हुए हैं और अधिकारियों को खुश करने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं क्योंकि लंबे समय से थानो में जमें होने के कारण साहब को अब लाइन और आफिस में बिलकुल भी मन नहीं लग रहा है और तो और थाने में जो टी आई साहब के खासम-खास आरक्षक और प्रधान आरक्षक जो साहब के कहने पर दुनिया की हर चीज साहब के कदमों में लाकर रखने की देर नही करते हैं वह भी यही उम्मीद लगा रहे हैं कि कब साहब वापस थाने में आए और कब हम वापस आरक्षक से निरीक्षक के पावर में आ जाएं चूंकि थानों में अभी तक जमे हुए अधिकारी चुनाव आयोग द्वारा हटाए गए थे तो लाजमी सी बात है कि जैसे ही चुनाव आचार संहिता हटेगी सब अपने दमखम के आधार पर वापस अपनी-अपनी पोस्टिंग वापस करवाने में कोई कसर नही छोड़ेंगे क्योंकि उनका ट्रांसफर तो भोपाल के न तो बहार हुआ है और न ही कोई भी थाना प्रभारी बाहर जाना चाहता है कई थानों में अभी से वापस उन्ही थानों में पोस्टिंग के लिए अपनी-अपनी जुगाड़ लगाने में लगे हुए हैं और तो और कुछ थाना प्रभारीयो ने तो थाना क्षेत्रों में यह तक खबर फैला दि हैं कि आचार संहिता खत्म होते ही साहब उसी थाने में आएंगे अब देखते हैं कि यह बात कहां तक सच होती है या फिर यह एक व्यंग ही बनकर रह जाती है यह प्रकरण भोपाल जिले के जोन 4 के थाना प्रभारियों से जुड़ा बिलकुल नही है