सर्पदंश पीडि़त के उपचार में लापरवाही पर तय होगी जवाबदेही
कलेक्टर श्री यादव ने स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास की ली संयुक्त बैठक, दिये जरूरी निर्देश
कटनी –
कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव ने जिले के मातृ मृत्यु और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने मैदानी स्तर पर स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास को आपसी समन्वय से योजनाबद्ध स्वरूप में कार्य करने की हिदायत दी है। कलेक्टर श्री यादव ने स्वास्थ्य और महिला बाल विकास के कार्यों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को तदाशय के निर्देश दिए। इस दौरान जिला पंचायत के सीईओ श्री शिशिर गेमावत भी मौजूद रहे।
कलेक्टर श्री यादव ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देशित किया कि सर्पदंश से पीडि़त व्यक्ति के उपचार में किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाय। पर्याप्त मात्रा में एंटी वेनम इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि सर्पदंश पीडि़त के उपचार में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों की जवाबदेही तय होगी और अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर ने सर्पदंश एवं एमडीआर व आईएमआर का सुपरवीजन करने के लिए संयुक्त कलेक्टर संस्कृति लिटोरिया को जिला स्तरीय नोडल अधिकारी बनाया है। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित हो कि सर्पदंश पीडि़त को कम से कम समय में (गोल्डन आवर) ही पहुंचाने की व्यवस्था हो ताकि उसके जीवन की रक्षा की जा सके। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में 24 घंटे कर्मचारियों की मौजूदगी रहने और एएनएम स्टाफ नर्स फील्ड के कर्मचारियों को सर्पदंश पीडि़त के उपचार का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने कलेक्टर ने निर्देशित किया।
आयुष्मान कार्ड की समीक्षा के दौरान इसकी धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कलेक्टर ने ताकीद किया कि प्रतिदिन योजनाबद्ध तरीके से कैंप लगाकर अधिक से अधिक संख्या में कार्ड बनाये जाए और प्रतिदिन का प्रतिवेदन सीईओ जिला पंचायत के समक्ष प्रस्तुत किया जाय। उन्होंने इस कार्य में लापरवाही और सुस्ती बरतने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हाई रिस्क महिलाओं से गृह भेंट कर स्वास्थ्य परीक्षण कर उनके समुचित उपचार की व्यवस्था के निर्देश दिए। कलेक्टर ने गर्भवती माताओं के संस्थागत प्रसव और नियमित जांच सहित बच्चों के शत-प्रतिशत टीकाकरण कार्य में व्यक्तिगत रूचि लेने की नसीहत दी। कलेक्टर श्री यादव ने जुलाई माह से प्रारंभ होने वाले दस्तक अभियान के दौरान 0 से 5 वर्ष के बच्चों को स्वास्थ्य सुविधायें मुहैया कराने की विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर प्रभावी अमल के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री यादव ने दो-टूक लहजे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राज सिंह को निर्देशित किया कि मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु की, की गई ऑडिट के आधार पर इसके लिए जिम्मेदार स्वास्थ्यकर्मी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करें।
कलेक्टर श्री यादव ने जिले के पोषण पुनर्वास केन्द्र के फुल बेड ऑक्यूपेंसी रखने के लिए महिला एवं बाल विकास एवं स्वास्थ विभाग को मिलकर कार्य करने की की हिदायत दी। साथ ही यहां भर्ती बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु फॉलो-अप प्रोफाइल बनाकर निगरानी के निर्देश दिये गए।
कलेक्टर ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और लाड़ली लक्ष्मी योजना के लक्ष्य के मामले में लचर प्रदर्शन वाले महिला एवं बाल विकास विभाग के सुपरवाईजर के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने तथा उन्हें प्रतिदिन के तय मीनू के मुताबिक ताजा पका भोजन देने की भी निर्देश दिए। कलेक्टर ने सीएम डैश बोर्ड की भी समीक्षा की।
बैठक में सिविल सर्जन डॉ. यशवंत वर्मा, सभी विकासखंड चिकित्सा अधिकारी, महिला बाल विकास की जिला कार्यक्रम अधिकारी और परियोजना अधिकारियों की उपस्थिति रही।