सार्वजनिक जल स्त्रोतों से पेयजल के अलावा अन्य कार्यों में नहीं होगा उपयोग
सतना
कलेक्टर ने सम्पूर्ण जिले को जल अभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया
जिला दण्डाधिकारी #सतना डॉ. सतीश कुमार एस ने पेयजल संकट की संभावना के दृष्टिगत म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम के अंतर्गत सम्पूर्ण जिले की राजस्व सीमाओं में 30 जून तक बिना अनुमति नलकूपों के खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है। अधिनियम के अंतर्गत जिले के सम्पूर्ण नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों को जल अभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है। इसी प्रकार बिना अनुमति किसी भी शासकीय भूमि के जल स्त्रोत से पेयजल और घरेलू प्रयोजन को छोडकर अन्य प्रयोजन के लिए उपयोग किया जा सकेगा। नहरों के प्रवाहित जल के अलावा अन्य स्त्रोतों का जल दोहन किन्हीं भी साधनों से जल का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जिले के समस्त विकासखण्डों एवं नगरीय क्षेत्रों के समस्त नदी, नालों, स्टापडैम, सार्वजनिक कुओं तथा अन्य स्त्रोतों के जल का उपयोग घरेलू प्रयोजनों में करने सुरक्षित किया गया है। जल अभाव ग्रस्त क्षेत्र में कोई व्यक्ति स्वयं अथवा प्राइवेट ठेकेदार बिना सक्षम अधिकारी संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से अनुमति प्राप्त किये नलकूप नहीं करा सकेगा।
सार्वजनिक पेयजल स्त्रोत के सूखने या वैकल्पिक रूप से अन्य कोई सार्वजनिक पेयजल स्त्रोत उपलब्ध नहीं होने पर जनहित में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उस क्षेत्र के निजी पेयजल स्त्रोत का अधिग्रहण कर सकेंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। आदेश का उल्लंघन म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 9 तथा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 223 के तहत दण्डनीय होगा। शासकीय नलकूप उत्खनन इस प्रतिबंध से अलग रहेंगे।