केसीसी जारी करने के मामलें में भी बालाघाट अव्वल
बालाघाट
कलेक्टर श्री मीना ने की मत्स्य विभाग की योजनाओँ की समीक्षा
बालाघाट में मछली पालकों को शासन के निर्देशानुसार ऑनलाईन सेवा से जोड़ने के मामले में सबसे बेहतर कार्य हुआ है। बालाघाट जिला प्रदेश में प्रथम स्थान पर है। भारत शासन की मंशानुसार नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से अब उन्हें लाभ दिया जाएगा। जबलपुर संभाग के बालाघाट जिला कलेक्टर श्री मृणाल मीना द्वारा शुक्रवार को मत्स्य विभाग के कार्यो की समीक्षा की गई। मत्स्य अधिकारी श्रीमती पूजा रोडगे ने बताया कि प्रदेश में सबसे अधिक केसीसी कार्ड बालाघाट जिले में बनाये गए है। कलेक्टर श्री मीना ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा अंतर्गत प्रदान किये गए तालाबो व अन्य सुविधाओं की जियो टैगिंग करने के निर्देश दिए है। बालाघाट में कुल 570 संरचनाएं है , जिसमें से 286 को जियो टैगिंग किया गया है। बैठक के दौरान जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक सराफ सहित समस्त सहायक मत्स्य अधिकारी मौजूद रहे।
14269 केसीसी और 6640 एनएफडीपी में किया पंजीयन
बैठक के दौरान जिला मत्स्य अधिकारी श्रीमती रोडगे ने बताया कि मत्स्य पालन के लिए मछली पालकों को 14269 केसीसी कार्ड जारी किए गए है। इस कार्ड से लाभार्थी जीरो ब्याज दर पर ऋण प्राप्त कर सकता है। उन्होंने बताया कि भारत शासन द्वारा फरवरी माह में नई योजना लागू की गई है। जिसमें सभी मत्स्य पालकों का ऑनलाइन पंजीयन कराया जाना आवश्यक है। अब वो ही मछली पालक शासन की योजनाओँ का लाभ ले सकेंगे जिनका ऑनलाइन पंजीयन होगा। कलेक्टर श्री मीना ने निर्देश दिए है कि जितने भी केसीसी धारक मछली पालक है सभी का ऑनलाइन पंजीयन सुनिश्चित किया जाए।
94 करोड़ स्पॉन का मिला लक्ष्य
बैठक में मत्स्य अधिकारी श्रीमती रोडगे ने बताया कि विभाग द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए 94 करोड़ स्पॉन उत्पादन का लक्ष्य दिया है। इसमें 27 करोड़ स्पॉन विभागीय केंद्रों के लिए शेष निजी मछली पलको के लिए रखा गया है।