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Friday, June 20, 2025

शासन और प्रशासन की छवि को धूमिल करने की कोशिश

नियमों को शिथिल कर जेडीए ने किया उर्वरक माफिया रेलूमल एन्ड संस व विन्ध्य स्टील सेंटर का लाइसेंस बहाल

जेडीए नेताम के कंधों पर है दो संभाग का भार

सतना

किसान कल्याण विभाग के संभागीय संयुक्त संचालक कृषि (जेडीए) केएस नेताम प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल के खासमखास अधिकारियों में से एक बताए जाते हैं। यही वजह है कि उन्हें 2 संभाग (रीवा-जबलपुर) के 12 जिलों के किसानों के कल्याणार्थ शासन द्वारा संचालित योजनाओं के निगरानी की जबाबदेही सौंपी गई है। सच तो यह है कि जेडीए नेताम किसानों के कल्याण के नाम पर सिर्फ और सिर्फ अपना व उर्वरक व्यापारियों का ही कल्याण करने का धतकरम रहे हैं। इनके कथित कारनामों से शासन और प्रशासन दोनों की छवि धूमिल हो रही है। जेडीए द्वारा तमाम नियमों को शिथिल करते हुए मेसर्स रेलूमल एन्ड संस जयस्तंभ चौक के नंदलाल खिलवानी और मेसर्स विन्ध्य स्टील सेंटर ट्रांसपोर्ट नगर के राजेन्द्र छाछरिया के निरस्त लाइसेंस की बहाली फिलहाल इसकी एक बानगी है।
जी हां ! विन्ध्य का ऐसा कौन नेता व अधिकारी नहीं जानता कि खरीफ व रबी सीजन में किसानों के साथ डीएपी व यूरिया उर्वरक के नाम पर खुली लूट होती है और लूट का खेल शुरू होता है विभाग के अधिकारियों तथा उर्वरक कंपनी के अधिकारियों, थोक व्यापारियों व ट्रांसपोर्टर की मिलीभगत से। उर्वरक माफिया किसानों को मिल-जुल कर खूब लूटते हैं। आपको बता दें कि सतना एक बड़ा रैक हेड है, जहां प्रति वर्ष अरबों रूपये के उर्वरक का कारोबार होता है। सभी उर्वरक कंपनियां थोक व्यापारियों को डीएपी यूरिया के साथ करोड़ों रूपये का कीटनाशक, जिंक व सल्फर इत्यादि उत्पाद को लगौरा के रूप में लेने हेतु बाध्य करती हैं और ये सब खेल कृषि विभाग के जिम्मेवार अधिकारियों की आंखों के सामने खुलेआम चलता है। हाल ही किसानों के साथ खुल्लमखुल्ला चल रही इस प्रकार की लूट में शामिल सतना के कुछ चुनिंदा थोक उर्वरक विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्तगी की कार्यवाही हुई थी और माफियाओं में भय का वातावरण भी था। विभागीय सूत्रों की मानें तो उर्वरक माफियाओं को अभयदान देने का ठेका संयुक्त संचालक कृषि (जेडीए) केएस नेताम ने ले रखा है। उन पर मोटी रकम लेकर उर्वरक माफियाओं के निरस्त लाइसेंस को बहाल कर दिए जाने के भी संगीन आरोप हैं। गौरतलब हो कि शासन के नियम के तहत प्रत्येक जिले के कृषकों को भूमि रकवा के आधार पर डीडीए की मांग के अनुरूप उर्वरकों का आवंटन प्राप्त होता है। उक्त आवंटन में से यदि एक दाना उर्वरक भी जिले से बाहर जाएगा तो जिले के कृषकों को उर्वरक के कृत्रिम संकट का सामना करना पड़ेगा। खबरों के मुताबिक विगत कई वर्षों से मेसर्स रेलूमल एन्ड संस जयस्तंभ चौक सतना के नंदलाल खिलवानी सतना एवं मेसर्स विन्ध्य स्टील सेंटर के राजेन्द्र छाछरिया एक ही नाम से सतना सहित 5-6 अन्य जिलों में लाइसेंस लेकर सतना के कृषकों को आवंटित उर्वरक जिले से बाहर भेजने का धतकरम कर रहे थे, जिसे अवैधानिक कृत्य मानते हुए यहां के तत्कालीन डीडीए केसी अहिरवार द्वारा उनके लाइसेंस के निरस्तगी की कार्यवाही की गई। परंतु, जेडीए नेताम ने कृषकों के साथ कुठाराघात करते हुए पैसों की हवस के चलते उनके लाइसेंस बहाल कर दिए। जेडीए नेताम का उक्त बहाली गेम उच्च स्तरीय जांच का विषय है। चर्चाएं तो ऐसी भी हैं कि जेडीए अपनी वसूली का लक्ष्य पूरा करने के लिए पहले कार्यवाही करवाते हैं, फिर व्यापारी को अपने दरबार में बुला सौदेबाजी कर उनके लाइसेंस को बहाल भी करवा देते हैं।
सतना से संभाग तक एक खबर ये भी . . .
प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल वर्ष में 3-4 बार अपने पूरे दलबल के साथ सतना आते हैं और बीजेपी किसान मोर्चा से जुड़े छुटभैया नेताओं के घर भी जाते हैं। ये छुटभैया नेता अपने घर पर ही जिले के बड़े उर्वरक व्यापारियों के साथ मंत्री जी की मीटिंग भी कराते हैं। ऐसी दशा में उर्वरक माफियाओं के हौसले और बुलंद हो जाते हैं। इस प्रकार किसानों की लूट को छुटभैया नेता अपनी शान समझते हैं। ऐसे छुटभैया नेता जिले के किसानों की लूट में अपनी महती भूमिका अदा करते हैं। चर्चा तो ऐसी भी है कि यही छुटभैया नेता व्यापारियों की सिफारिश के लिए मंत्री जी के भोपाल आवास तक जाकर अपनी फ़रियाद करते हैं। फिलहाल किसानों के प्रति कृषि मंत्री की निष्ठा का आंकलन इस बात से भी किया जा सकता है कि उर्वरक की कालाबाजारी में लिप्त मेसर्स रेलूमल एन्ड सन्स के नंदलाल खिलवानी के निरस्त लाइसेंस को बहाल करने डीडीए रहे राजेश त्रिपाठी पर मंत्री जी ने कई लोगों के समक्ष अपना दबाव भी बनाया था। किन्तु इस मामले में अपनी कलम को फसता देख उन्होंने हाथ खड़े कर दिए थे। मंत्री जी द्वारा संचालक/आयुक्त कृषि भोपाल को इस संदर्भ की नोटशीट लिखे के बाद जेडीए नेताम द्वारा सभी नियमों को शिथिल करते हुए मेसर्स रेलूमल एंड सन्स के नंदलाल खिलवानी का लाइसेंस बहाल कर दिया गया।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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