किले को खोदकर कर लिया कब्जा किले की जमीन पर कर रहे हैं खेती
दमोह
दमोह जिले के #बटियागढ़ तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम #कनोरा कला जिसकी दूरी लगभग 22किलोमीटर है जो कहने को तो पुरातत्व विभाग की महत्वपूर्ण जगहों में से एक है। जो इतिहास की बहुत सारी यादें अपने अंदर समेटे हुए हैं, लेकिन अपने अस्तित्व को बचाने के लिए मोहताज है। जगह जगह किले मिटा कर खेतों का रूप दिया जा रहा है। धन के लालच में जगह जगह चबूतरों और किले को मिटा कर खुदाई के निशान साफ दिखाई देते है। यहां पत्थर के बने हुए घर, मिटे हुए किले, इस बात की निशानी है कि यहां कभी आबादी हुआ करती थी। यहां बना हुआ शिवमंदिर जो खजुराहो के मंदिरों जैसा प्रतीत होता है जो एक अद्भुत कला का रूप है। यहां से कुछ ही दूरी पर एक और पुराना मंदिर बना हुआ प्रतीत होता है जिसको चारों तरफ से पत्थरों के द्वारा बंद कर दिया गया और जानकारी के अनुसार इसके अंदर लोगों के द्वारा भूसा भर के रखा गया है। इसी प्रकार कुछ दूरी पर स्थित दो किले जिन्हें राजा रानी का समाधी स्थल बोला जाता है दोनों किलों पर कब्जा कर लिया गया जिसमें से एक में भूसा भर दिया गया है। किले की दीवारों को मिटा कर पत्थर से दीवार (खकरी) बना दी। यहां पर कभी बहुत घना जंगल हुआ करता था जो आज नाम मात्र का रह गया है ।अगर आज हम नही जागे तो एक दिन सब एक कहानी बन कर रह जायेगा यहां की धरोहर पुकार कर रही है कि मुझे बचा लो। क्या कुछ लालची लोगों के कारण कनौरा कला का प्राचीन भारतीय इतिहास खत्म हो जाएगा।