अनुसूचित जनजाति के युवाओं को स्वयं का उद्यम स्थापित करने के लिये इन योजनाओं के तहत मिलेगी आर्थिक मदद
कटनी –
अनुसूचित जनजाति वर्ग के जिले के युवाओं को भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार और टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के तहत स्वयं का उद्यम स्थापित करने के लिये आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जायेगी। इसके लिये 31 दिसम्बर तक आवेदन माँगे गए हैं। मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम द्वारा संचालित इन योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये आवेदन पत्र ऑनलाइन पोर्टल www.samast.mponline.gov.in पर भरे जा सकते हैं। साथ ही इसकी हार्डकॉपी शारदा विहार सिटी सेंटर स्थित सहायक आयुक्त आदिवासी विकास एवं शाखा प्रबंधक आदिवासी वित्त एवं विकास निगम के कार्यालय में जमा करनी होगी।
जनजातीय कार्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना के तहत अनुसूचित जनजाति के युवा अपना उद्यम स्थापित करने के लिये एक लाख से 50 लाख रूपए तक का ऋण अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। नियमित भुगतान की शर्त पर सरकार द्वारा अधिकतम 7 वर्षों तक ब्याज अनुदान देने के साथ-साथ गारंटी फीस भी दी जाती है। इस योजना के तहत 18 से 45 आयु वर्ग के अनुसूचित जाति के ऐसे युवा लाभ प्राप्त कर सकते हैं जिनके परिवार की वार्षिक आय 12 लाख रूपए से अधिक न हो। इसी तरह टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के तहत 10 हजार रूपए से एक लाख रूपए तक की आर्थिक सहायता बैंक के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है। जिसके लिये सरकार द्वारा पाँच वर्षों तक ब्याज अनुदान एवं गारंटी फीस दी जाती है।