मांझी समाज के अधिकार की बात करने वाले समाजसेवियों का साथ चाहिये, राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता नहीं
भोपाल
भाजपा सरकार द्वारा 14 जून 1992 को माझी जनजाति के आरक्षण दिये जाने को लेकर जो वचन प्रदेश के लाखों मझियों के सामने जबलपुर में 14 जून वर्ष 1992 आयोजित किये गये ” *माझी कुंभ* ” में दिया गया था उसको लेकर 1992 से अब वर्ष 2023 तक 31 वर्ष होने के बाद भी माझी जनजाति का आरक्षण ना मिलने पर आने वाली 14 जून 2023 को पूरे प्रदेश में समाज के द्वारा *धिक्कार दिवस* मनाने की अपील समाज के सतत संघर्षशील वरिष्ठ समाजसेवी आदरणीय श्री उमाशंकर जी रैकवार इंदौर वालों के द्वारा की गई है ,किंतु इस धिक्कार दिवस के आयोजन को लेकर जिस तरह से समाज में समर्थन और सहयोग का भाव दिखना चाहिए वह दिखाई नहीं दे रहा, इससे लगता है कि समाज कहीं ना कहीं भाजपा के इस धोखे के बाद भी उसके समर्थन में है और भाजपा वर्षों से जो धोखेबाजी समाज के साथ कर रही है और समाज के हक और अधिकार के जो लोग आवाज उठा रहे हैं उनको भाजपा समर्थक सामाजिक कार्यकर्ता जो समाज में सक्रिय हैं वह कहीं ना कहीं से हतोत्साहित कर रहे हैं । ऐसे में हम समाज के लोगों से अपील करते हैं कि ऐसे लोगों को पहचानिए हमें समाज के हक और अधिकार के लिए आवाज उठाने वाले राजनीतिक पदों के लोभ लालच को त्यागने वाले सच्चे त्यागी और संकल्प शील समाज सेवक चाहिए ना कि राजनीतिक दलों की जी हजूरी और उनके स्वागत सत्कार में आगे पीछे घूमने वाले लोग चाहिए । हम पूरे मध्यप्रदेश में आगामी 14 जून 2023 को धिक्कार दिवस मनाएंगे और इसे हेतु आगे किस तरह का कार्यक्रम करना है इसको लेकर हमारे वरिष्ठ समाजजनों के मार्गदर्शन में आगे बढ़ेंगे ।
जय माझी, जय निषादराज