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Monday, February 24, 2025

मध्यप्रदेश के नाराज तहसीलदार और नायब तहसीलदार तीन दिन के अवकाश पर

वॉट्सऐप ग्रुप से लेफ्ट, गाड़ियां लौटाईं, डोंगल जमा कर डिजिटल साइन भी किए वापस, हड़ताल से ओलावृष्टि का सर्वे और लाड़ली बहना के पंजीयन कार्य पर भी होगा असर

भोपाल

अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेशभर के तहसीलदार और नायब तहसीलदार आज से तीन दिन के सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। इतना ही नहीं, प्रशासन के जो व्हाट्सएप ग्रुप हैं, उसे भी तहसीलदारों ने फिलहाल छोड़ दिया है और सरकारी वाहन लौटा दिए हैं, वहीं डिजिटल साइन व डोंगल भी वापस कर दिए। रविवार देर शाम से सोमवार सुबह तक प्रशासन के व्हाट्सएप ग्रुप से सभी बाहर हो गए। सामूहिक रूप छुट्‌टी पर जाने से बंटाकन, सीमांकन, नामांतरण समेत रेवेन्यू से जुड़े सारे काम अटक गए हैं। इसके अलावा न्यायालयीन मामलों की भी सुनवाई नहीं हो रही है। प्रदेश में हुई ओलावृष्टि ने फसलें तो चौपट कर ही दीं, अब सर्वे भी नहीं होगा। इससे लाड़ली बहना के पंजीयन भी अटक जाएंगे।

मध्यप्रदेश कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा अधिकारी संघ द्वारा चार दिन पूर्व दिए गए ज्ञापन के बावजूद सरकार ने जब राजस्व अधिकारियों की पदोन्नति, नायब तहसीलदार पद को राजपत्रित घोषित किए जाने एवं राजस्व अधिकारियों की वेतन विसंगति दूर किए जाने की मांगें नहीं मानीं तो आज से तहसीलदार तीन दिन के सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। राजस्व वसूली, सीएम हेल्पलाइन, पेंडिंग पड़े मामलों के साथ-साथ इस हड़ताल की मार किसानों को भी झेलना पड़ेगी। पिछले दिनों से लगातार हो रही ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों को चौपट कर दिया है। वहीं आज से तहसीलदारों की हड़ताल के चलते उनके नुकसान का सर्वे भी नहीं हो पाएगा। ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के पदाधिकारियों ने मांगों को लेकर अपने-अपने जिले में ज्ञापन सौंपे थे और मांगें नहीं मानी जाने पर तीन दिन के सामूहिक अवकाश पर जाने का अल्टीमेटम दिया था। इसके बावजूद मांगें नहीं माने जाने के बाद आज से सभी हड़ताल पर चले गए हैं। कल देर रात सभी तहसीलदारों ने राजस्व विभाग का वॉट्सऐप ग्रुप छोड़ दिया है। वहीं, सरकारी वाहन जमा कराने के साथ-साथ डिजिटल साइन व डोंगल भी जमा करा दिया है। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि मांगों को लेकर लंबे समय से मांग कर रहे हैं। वावजूद अब तक ये पूरी नहीं की गई है। गुरुवार और शुक्रवार को उन्होंने काली पट्टी बांधकर काम किया, जबकि शनिवार-रविवार को सरकारी छुट्टी होने से काम नहीं किया। अब तीन दिन का अवकाश ले लिया है।

10 दिन वसूली के बाकी, तय लक्ष्य हासिल करना होगा मुश्किल

वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर है और आखिरी 10 दिनों में वृहद अभियान चलाकर राजस्व वसूली की जाना थी, लेकिन हड़ताल के चलते पूरे मध्यप्रदेश में राजस्व वसूली का आंकड़ा पिछड़ता नजर आ रहा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार सरकार ने डायवर्शन शुल्क वसूली के लिए मार्च अंत तक जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उसके तहत अब तक लगभग 30 प्रतिशत की ही वसूली हो सकी है। आखिरी के 10 दिनों में से यदि तीन दिन तहसीलदार हड़ताल पर रहेंगे तो यह लक्ष्य पिछड़ जाएगा।

गतिरोध समाप्त करने के प्रयास तेज

चूंकि, यह चुनावी साल है, लिहाजा सरकार जिस तरह से हर वर्ग को संतुष्ट करने में जुटी है, ऐसे में उसके महत्वपूर्ण अंग राजस्व अमले का नाराज होना सरकार की परेशानी बढ़ा सकता है। अभी बेमौसम बारिश-ओले के कारण फसलों को भी नुकसान हुआ है, जिसका सर्वे शुरू होना है, मगर हड़ताल के कारण यह कार्य भी प्रभावित होगा और अन्य सरकारी योजनाओं पर भी असर पड़ेगा। सरकार को आशंका है कि तीन दिन के बाद संघ कोई बड़ा निर्णय न ले ले, इसलिए गतिरोध दूर करने के प्रयास तेज हो गए हैं। भोपाल में सीनियर अधिकारियों ने संगठन के पदाधिकारियों को बातचीत के लिए बुलाया है। बताया जा रहा है कि राजस्व मंत्री और संगठन के बीच इस संबंध में अनौपचारिक चर्चा हुई है। संभवत: मंगलवार को औपचारिक चर्चा हो सकती है और उम्मीद है कि समाधान निकल जाएगा।

यह हैं सामूहिक अवकाश पर जाने के कारण

प्रदेश में तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर और नायब तहसीलदारों को तहसीलदार बनाने का मुद्दा फरवरी से ही गरमाया हुआ है। ये चाहते हैं कि कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार को लेकर आदेश सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ही निकाले, ताकि जिलों में उन्हें पदोन्नति उसी तहसील पर मिले, जो की गई है। इससे प्रभार के संबंध में दुविधा या दुरुपयोग नहीं होगा और अफसरों के सम्मान को ठेस भी नहीं पहुंचेगी। इसके अलावा नायब तहसीलदारों को राजपत्रित घोषित करने और राजस्य अधिकारियों की ग्रेड-पे एवं वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांगे हैं। मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर या तहसीलदार का प्रभार दिया भी जा रहा है, तो आदेश पर जीएडी ही जारी करें, न कि रेवेन्यू विभाग ऐसा होने पर ही ये प्रभार लेंगे। पूर्व में राजस्य निरीक्षकों को कार्यवाहक नायब तहसीलदार बनाया गया था। बाद में यह प्रभार ले लिया गया। यदि जीएडी आदेश निकालता है, तो सीधे भोपाल स्तर से ही प्रक्रिया की जाएगी।

सीनियरों को उच्च प्रभार दिए जाने का प्लान

ज्ञात हो कि, मध्यप्रदेश सरकार करीब 200 सीनियर तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर बनाने जा रही है ये तहसीलदार पिछले 7 साल से प्रमोशन का इंतजार कर रहे है। वर्ष 1999 से 2008 के बीच के तहसीलदार इस क्राइटेरिया में आ रहे हैं। हालांकि, जिनकी विभागीय जांच चल रही है, वे डिप्टी कलेक्टर नहीं बन पाएंगे। इधर, कुल 173 नायब तहसीलदारों को भी तहसीलदार का प्रभार दिए जाने की प्रोसेस चल रही है। हालांकि, इसके आदेश अब तक नहीं निकल सके हैं।

PSC के जरिए भर्ती हुए, प्रमोशन का इंतजार कर रहे

मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ के अनुसार वर्ष 1999 से 2008 के बीच एमपी पीएससी के जरिए नायब तहसीलदारों की भर्ती की गई थी, लेकिन उन्हें प्रमोशन नहीं मिला। यदि नियम के अनुसार प्रमोशन होता तो दो बार पदोन्नति हो जाती। अब तक वे जॉइंट कलेक्टर बन चुके होते, लेकिन पदोन्नति रुकने के कारण डिप्टी कलेक्टर भी नहीं बन सके। वर्तमान में 220 तहसीलदार है, जो पदोन्नति का रास्ता देख रहे है। इनमें से कई ऐसे भी हैं, जिन पर विभागीय जांच लंबित है। हालांकि, नियमित पदोन्नति और जीएडी से आदेश जारी होने की मांग के चलते एक बार फिर से यह मामला सुर्खियों में है।

सुंदरलाल बर्मन
सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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