नगर परिषद मझौली के वार्ड क्रमांक 13 में स्नेहिल कंसल्टेंसी के माध्यम से निर्मित आंगनबाड़ी भवन, जिसकी अनुमानित लागत ₹7 लाख थी, अब मात्र दो वर्षों में ही जर्जर हालत में तब्दील हो गया है।
मझौली, जिला जबलपुर | संवाददाता विशेष
यह भवन दिनांक 28 फरवरी 2022, दिन सोमवार को माननीय श्री अजय विश्नोई, विधायक पाटन विधानसभा क्षेत्र के कर कमलों द्वारा लोकार्पित किया गया था।
लोकार्पण के बाद निर्माण की गुणवत्ता पर उठे सवाल
लोकार्पण के कुछ ही महीनों बाद भवन में दरारें पड़ने लगीं, छत से पानी टपकने की शिकायतें आईं और अब स्थिति यह है कि बच्चों के बैठने के लिए यह भवन असुरक्षित माना जा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता के मानकों की अनदेखी की गई है।
“जिन बच्चों की शिक्षा और पोषण के लिए भवन बना, अब उन्हीं के लिए यह खतरा बन गया है।”
— माया बाई, स्थानीय निवासी
नोनी हाल की जान को खतरा, प्रशासन मौन
आंगनबाड़ी में आने वाली छोटी बच्चियां (नोनी हाल) अब भवन की गिरती दीवारों और छत से डरकर बाहर खेलती हैं। भवन का उपयोग सीमित हो गया है, लेकिन प्रशासन और नगर परिषद मझौली की ओर से न तो किसी जांच की सूचना आई है, न ही मरम्मत की कोई पहल।
“यदि समय रहते मरम्मत न हुई, तो किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।”
— एक शिक्षक, नाम न छापने की शर्त पर
जनहित में उठाई गई मांगें:
- निर्माण कार्य की जांच समिति गठित की जाए।
- ठेकेदार व निर्माण एजेंसी की जवाबदेही तय की जाए।
- तत्काल भवन की मरम्मत कर बच्चों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित किया जाए।