संवाद स्थापित करने और अपने आसपास की दुनिया का अनुभव करने के लिए सुनना आवश्यक है। लेकिन अक्सर हम अपनी सुनने की क्षमता को महत्व नहीं देते हैं
जबलपुर
इसे रेखांकित करने के लिए जिला अस्पताल में विश्व श्रवण दिवस पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर के आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों को श्रवण समस्याओं से अवगत कराना और उनकी रोकथाम के उपायों के बारे में बताना था। इस दौरान एक रैली निकाली गई । जिसके माध्यम से आसपास के लोगों को श्रवण स्वास्थ्य के महत्व के बारे में संदेश दिया गया।
श्रवण दोष एक आम समस्या है। यह तेज आवाज के संपर्क में आने, उम्र बढ़ने या कान के संक्रमण के कारण हो सकती है। कई बार जन्मजात कमजोर सुनने की क्षमता भी हो सकती है। लेकिन अच्छी बात यह है कि समय पर जांच और उचित उपचार से श्रवण दोष को रोका जा सकता है या कम किया जा सकता है।
शिविर में उपस्थित लोगों को विभिन्न प्रकार की श्रवण समस्याओं और उनके लक्षणों के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही, उन्होंने यह भी जाना कि इन समस्याओं से कैसे बचा जा सकता है और यदि कोई समस्या पहले से ही है तो उसका इलाज कैसे कराया जा सकता है। शिविर मर विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि कैसे श्रवण यंत्र श्रवण दोष से ग्रस्त लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
शिविर में निःशुल्क श्रवण जांच की सुविधा भी उपलब्ध थी। जांच के उपरान्त जिन लोगों को श्रवण दोष पाया गया, उन्हें आगे के उपचार के लिए परामर्श दिया गया ।शिविर का आयोजन राष्ट्रीय कार्यक्रम नोडल डॉ. रुमिता आचार्य के नेतृत्व में किया गया। उनके साथ डॉ. अमित अग्रवाल, डॉ. शिल्पा ज्योति नेल्सन और डॉ. नियोगी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शिविर के आयोजन में जिला अस्पताल के कर्मचारियों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा ।