जिला पंचायत सीईओ श्री गेमावत ने धारा 89 के तहत सोलर लाइट खरीदी के प्रकरणों में की सख्त कार्यवाही
कटनी
– जिला पंचायत के सीईओ एवं विहित प्राधिकारी श्री शिशिर गेमावत ने विकासखंड बहोरीबंद की 2 ग्राम पंचायतों में सोलर लाइट की नियम विरुद्ध खरीदी के प्रकरणों में सख्त कार्रवाई करते हुए मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 89 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 3 लाख 96 हजार रुपये की वसूली की कार्यवाही हेतु राशि का निर्धारण किया हैं।
इन ग्राम पंचायतों पर हुई कार्यवाही
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बहोरीबंद द्वारा ग्राम पंचायत जुजावल और ग्राम पंचायत मोहनिया के तत्कालीन सरपंच और सचिव द्वारा भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं करते हुए सोलर लाइट की खरीदी अनियमित व्यय की राशि वसूली करने हेतु प्रस्तावित किया गया था।
ग्राम पंचायतों से होगी वसूली
विकासखंड बहोरीबंद की जिन दो ग्राम पंचायतों द्वारा सोलर लाइट की खरीदी भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं करने पर अनियमित व्यय वसूली की कार्रवाई के आदेश जिला पंचायत के सीईओ और विहित प्राधिकारी श्री शिशिर गेमावत मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम की धारा 89 के अंतर्गत राशि वसूली के आदेश किए हैं। उनमें ग्राम पंचायत जुजावल के तत्कालीन सरपंच महेश प्रसाद हल्दकार, सचिव राजभान हल्दकार से 10 नग सोलर लाइट के विरुद्ध कुल 3 लाख 30 हजार रुपये में से बराबर बराबर राशि का निर्धारण किया गया है। चूंकि महेश प्रसाद हल्दकार की मृत्यु हो चुकी है तो इस स्थिति में इस राशि की वसूली उनके वारसानों/उतराधिकारियों से की जा सकती है ।
ग्राम पंचायत मोहनिया की तत्कालीन सरपंच सविता बाई और सचिव कोमल झारिया से 02 नग सोलर लाइट के विरुद्ध 66 हजार रुपये में से बराबर-बराबर, वसूली की जाएगी।
इस संबंध में जिला पंचायत के सीईओ एवं विहित प्राधिकारी श्री गेमावत ने सर्व संबंधित ग्राम पंचायतों के तत्कालीन सरपंच और सचिवों को उपस्थित होकर उत्तर देने हेतु पर्याप्त अवसर दिया था। किंतु समाधान कारक जवाब प्रस्तुत नहीं किए जाने पर वसूली की राशि का निर्धारण किया गया।
आदेश में इसका भी उल्लेख किया गया है की अनावेदकों द्वारा वसूली योग्य अधिरोपित राशि 15 दिवस की समय अवधि में निर्धारित मद ग्राम पंचायत के बैंक खाते में जमा नहीं की जाती है तो मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत विहित प्राधिकारी पृथक से प्रकरण पंजीबद्ध कर वसूली कार्यवाही कर निर्धारित मद ग्राम पंचायत के बैंक के खाते में वसूली योग्य राशि जमा कराई जावे।