मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना का उद्योगपतियों ने किया स्वागत
योजनाओं की जानकारी देने उद्योग संघो की आयोजित की गई बैठक
जबलपुर
युवाओं को रोजगार के क्षेत्र में नये अवसर उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें आत्म निर्भर बनाने के उद्देश्यथ से शासन द्वारा प्रारंभ की जा रही मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना का जबलपुर के उद्योगपतियों ने स्वागत किया है और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की इस पहल को युवाओं के साथ-साथ उद्योगों के लिए भी वरदान बताया है।
जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र में आज बुधवार को उद्योग संघो का योजना के बारे में जानकारी देने आयोजित बैठक में उद्योगपतियों ने बताया कि मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना से जहां युवाओं को उद्योगों में काम करने का अवसर मिलेगा, सीखने के साथ-साथ उनकी कमाई होगी, वहीं कौशल विकास के साथ-साथ उनका आत्ममविश्वास बढ़ेगा और वे बड़ी कंपनियों में अच्छे वेतन पर रोजगार पा सकेंगे अथवा स्वरोजगार ऋण योजनाओं की मदद से खुद की ईकाई स्थापित कर दूसरों को रोजगार देने वाले भी बन सकेंगे।
महाकौशल उद्योग संघ के अध्यक्ष डी.आर. जैसवानी ने बैठक में कहा कि शिक्षित युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना से उद्योगों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप कुशल मानव संसाधन की उपलब्ध्ता सुनिश्चित होगी। यह योजना दीर्घकाल में भी उद्योगों के विकास में बड़ी सहायक होगी। उन्होवनें मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को इस योजना को प्रारंभ करने के लिये साधुवाद दिया। श्री जैसवानी ने कहा इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी उद्योगपति का हर संभव सहयोग देने को तत्पर रहेंगे।
जबलपुर अपेरल्स इनोवेशन एण्ड मेन्युफेक्चर्स ऐसोसियेशन के अध्यक्ष अनुराग जैन ने कहा कि मुख्य मंत्री सीखो कमाओ योजना से युवा प्रशिक्षण के दौरान फैक्ट्री का वातावरण, काम करने की शैली और उद्योग के संचालन में आने वाली कठिनाईयों को जान सकेंगे। इससे खुद का व्यवसाय या ईकाई स्थापित करने के इच्छुक युवाओं का मनोबल बढ़ेगा। महाकौशल उद्योग संघ के सचिव प्रवीण शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना को युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के साथ-साथ उनकी कार्यकुशलता बढ़ायेगी। इससे उद्योगों की कुशल मानव श्रम की जरूरतें भी पूरी होगी और यह कहीं न कहीं प्रदेश और देश के औद्योगिक विकास में भी सहायक होगा।
उमरिया डुंगरिया उद्योग संघ के अध्यक्ष मुनींद्र मिश्रा ने मुख्यीमंत्री सीखो कमाओं योजना को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की दूरगामी सोच का परिणाम बताया। उन्हो नें इस योजना को उद्योगों के लिए वरदान बताते हुये कहा कि इससे उद्योगों की कुशल श्रमिकों की कमी की समस्या दूर होगी। इस योजना से उद्योग तेजी से आगे बढ़ सकेंगे। श्री मिश्रा ने कहा कि योजना के क्रियान्वयन में उद्योग संघो की ओर से सक्रिय भागीदारी निभायेंगे।
उद्योग संघ की इस बैठक में संभागीय आईटीआई के प्राचार्य सुनील लालवत तथा जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक विनीत रजक भी मौजूद थे। उन्होनें बताया कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुसार तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग द्वारा प्रस्तावित नवीन योजना “मुख्यमंत्री सीखो कमाओं योजना” को लागू करने की स्वीकृति दी गई है। इसके अंतर्गत, कम से कम एक लाख युवाओं को प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षण कराने के उद्देश्य से 01 हजार करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति प्रदान की गई। इस योजना अंतर्गत 18 से 29 वर्ष के युवा जो मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी है तथा जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12 वीं अथवा आईटीआई या उच्च है, वे पात्र होंगे। प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को 08 हजार से 10 हजार रुपये प्रतिमाह स्टाइपेण्ड प्राप्त होगा। स्टाइपेण्ड का 75 प्रतिशत राज्य शासन द्वारा डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। प्रशिक्षण उपरांत मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा स्टेट काउंसिल फार वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
योजना के अंतर्गत ट्रेनिंग के दौरान 12 उत्तीर्ण युवाओं को 8000, आईटीआई पास को 8500, डिप्लोमाधारी को 9000, और स्नातक अथवा उच्च शिक्षित युवाओं को 10 हजार रुपये स्टाइपेंड के रूप में प्रतिमाह दिया जाएगा।
योजना के माध्यम से इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल, सिविल, मैनेजमेंट एवं मार्केटिंग क्षेत्र, सेवा क्षेत्र होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म और ट्रैवल अस्पताल, रेलवे, आईटी और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट क्षेत्र, उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण आदि। ऐसे क्षेत्र जिनमें प्रशिक्षण उपरांत छात्र- प्रशिक्षणार्थी गिग इकोनोमी एवं ब्लू कॉलर जॉब्स हेतु उपयुक्त होंगे। प्रत्येक माह निर्धारित स्टाइपेण्ड का 75 प्रतिशत राज्य शासन की ओर से छात्र- प्रशिक्षणार्थी को डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। प्रतिष्ठान को निर्धारित न्यूनतम स्टाइपेण्ड की 25 प्रतिशत राशि छात्र- प्रशिक्षणार्थी के बैंक खाते में जमा करना होगी। प्रतिष्ठान निर्धारित राशि से अधिक स्टाइपेण्ड देने के लिए स्वतंत्र होगा।
इस योजना में 07 जून से प्रतिष्ठानों के पंजीयन का कार्य प्रारंभ होगा और 15 जून से युवाओं के पंजीयन का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। 15 जुलाई से मार्केट प्लेस एवं युवाओं का आवेदन लेना प्रारंभ होगा। 31 जुलाई से युवा प्रतिष्ठानों-मध्यप्रदेश शासन के मध्य अनुबंध हस्ताक्षर (ऑनलाइन) प्रारंभ होंगे । 01 अगस्त से 2023 से युवाओं की उपस्थिति शुरू हो जाएगी। 31 अगस्त से प्रशिक्षण प्रारंभ होने के 1 माह बाद युवाओं को राशि वितरण प्रारंभ होगा।