भारत निर्वाचन आयोग ने केन्द्र एवं राज्य शासन के मंत्रिगणों, संसद सदस्यों, विधायकों एवं विधान परिषद के सदस्यों के साथ-साथ स्थानीय निकायों, सहकारी संस्थाओं एवं शासकीय उपक्रमों के अध्यक्षों के भी उम्मीदवारों के गणना एजेंट बनने पर रोक लगाई है ।
जबलपुर
आयोग के निर्देशानुसार किसी भी स्थानीय संस्था के अध्यक्ष, नगर निगम के महापौर, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत के अध्यक्ष, जिला पंचायत एवं पंचायत समिति के अध्यक्ष, केन्द्र एवं राज्य सहकारी संस्थाओं के अध्यक्ष तथा केन्द्र एवं राज्य सरकार के उपक्रमों के अध्यक्ष विधानसभा का चुनाव लड़ रहे किसी भी प्रत्याशी के गणना एजेंट नियुक्त नहीं किये जा सकेंगे । चाहे उन्हें सुरक्षा कवच मिला हो या न मिला हो ।
निर्वाचन आयोग द्वारा अनुसार शासकीय सेवकों पर भी प्रत्याशियों के गणना एजेंट बनने पर रोक लगाई गई है । सरकार से किसी प्रकार का मानदेय अथवा किसी भी सरकारी या सरकार से अनुदान प्राप्त संस्थान में अंश कालिक काम करने वाले व्यक्ति भी उम्मीदवार के गणना अभिकर्त्ता नहीं बन सकेंगे । शासकीय अथवा अशासकीय अनुदान प्राप्त संस्थानों में काम करने वाले पैरा मेडिकल या स्वास्थ्य कर्मी, उचित मूल्य दुकान के डीलर्स एवं आंगनवाड़ी कर्मी को भी गणना अभिकर्त्ता नियुक्त नहीं किया जा सकेगा ।
निर्वाचन आयोग ने ग्राम पंचायत प्रधान अथवा सरपंच, पंचायत सदस्य, नगर पालिका या म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के पार्षदों या सदस्यों और स्थानीय व्यक्तियों के उम्मीदवारों के अभ्यर्थियों के गणना अभिकर्ता के रूप में नियुक्ति पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है । आयोग के अनुसार किसी भी भारतीय नागरिक जो एनआरआई है, को भी उम्मीदवार का गणना अभिकर्ता बनाया जा सकेगा ।
निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी ऐसे व्यक्ति को जिसे राज्य (केंद्रीय और राज्य सरकारों) द्वारा सुरक्षा घेरा प्रदान किया गया हो, उन्हें निर्वाचन अभिकर्ता या उम्मीदवार के गणना अभिकर्ता के रूप में नियुक्त नहीं किया जायेगा, चाहे वो अपनी सुरक्षा को समर्पित कर दे या छोड़ दे । इस तरह के व्यक्ति अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ या उनके बिना गणना हॉल में दाखिल नहीं हो सकेंगे ।
निर्वाचन आयोग ने चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को सलाह दी है कि वे अपने गणना अभिकर्ता 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति को ही नियुक्त करें, ताकि उन्हें मतगणना के दौरान उचित रूप से प्रतिनिधित्व मिल सके ।