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Sunday, October 12, 2025

आईआईटी इंदौर में एग्रीहब का शुभारंभ: कृषि में तकनीकी नवाचार

आईआईटी #इंदौर ने 𝟐𝟕 जनवरी 𝟐𝟎𝟐𝟓 को एग्रीहब नामक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) का उद्घाटन किया, जो एआई, एमएल और डीएल जैसी उन्नत तकनीकों से कृषि को नया आयाम देगा।

इंदौर

मुख्य अतिथि श्री एस. कृष्णन ने इस परियोजना की बहु-विषयक प्रकृति पर जोर देते हुए बताया कि आईआईटी इंदौर, आईसीएआर और सी-डैक जैसी प्रमुख संस्थाएँ मिलकर उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) और एआई के माध्यम से कृषि क्षेत्र को नई दिशा देने का कार्य कर रही हैं। उन्होंने नवाचार में स्टार्ट-अप्स की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि पारंपरिक उद्योगों के साथ सहयोग से आधुनिक तकनीकों को अपनाने में तेजी आएगी, जिससे कृषि उत्पादकता और किसानों की आय में वृद्धि होगी।

 

मध्यप्रदेश सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री संजय दुबे ने इस परियोजना को तकनीक के माध्यम से कृषि संबंधी चुनौतियों के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि जीआईएस और ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीकों का किसानों के लाभ के लिए प्रभावी उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के नवाचार मध्यप्रदेश को कृषि तकनीक में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने में मदद करेंगे।

एग्रीहब: कृषि नवाचार का केंद्र

आईआईटी इंदौर में स्थापित एग्रीहब एक बहु-क्षेत्रीय और बहु-संस्थागत सहयोगी पहल है, जिसका उद्देश्य भारतीय कृषि में नवाचार लाना और उसे आधुनिक तकनीकों से जोड़ना है। यह केंद्र शोधकर्ताओं, कृषि विशेषज्ञों और किसानों के लिए एक समन्वय मंच के रूप में कार्य करेगा, जहाँ प्रमुख हितधारक मिलकर नई कृषि तकनीकों का विकास करेंगे। इस पहल के तहत स्टार्ट-अप्स का विकास और इनक्यूबेशन, रोजगार सृजन, उद्योगों से सहयोग, पेटेंट और शोध प्रकाशन को बढ़ावा देने के साथ-साथ छात्रों के मार्गदर्शन और उद्यमिता कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। पाँच वर्षों के भीतर, यह केंद्र एक आत्मनिर्भर पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करेगा, जिससे यह प्रारंभिक वित्तीय सहायता समाप्त होने के बाद भी दीर्घकालिक रूप से टिकाऊ बना रहेगा।

एआई और एचपीसी से कृषि में क्रांतिकारी बदलाव

आईआईटी इंदौर और सी-डैक पुणे के सहयोग से इस परियोजना के तहत एक निजी क्लाउड और उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली स्थापित की जाएगी। इसका उपयोग सूखा-प्रतिरोधी फसलों के अनुसंधान, प्रिसीजन फार्मिंग और एआई आधारित रोग निदान में किया जाएगा। बिग डेटा एनालिटिक्स और जीनोमिक्स अनुसंधान के माध्यम से डेटा-संचालित कृषि (डेटा-ड्रिवन एग्रीकल्चर) को बढ़ावा दिया जाएगा।

सरकार की साझेदारी और प्रतिबद्धता

एग्रीहब परियोजना को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पाँच वर्षों के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है। यह परियोजना भारतीय कृषि में आधुनिक तकनीकों के समावेश को सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

आईआईटी इंदौर के निदेशक का दृष्टिकोण

आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास जोशी ने कहा कि यह परियोजना जीनोम अनुक्रमण (जीनोम सीक्वेंसिंग) और बिग डेटा विश्लेषण के एकीकृत मंच के माध्यम से फसलों की नई किस्मों के विकास की गति को तेज करने के लिए बनाई गई है। हाई-थ्रूपुट अनुक्रमण (हाई थ्रूपुट सीक्वेंसिंग) और नवीन जीनोम विश्लेषण सॉफ्टवेयर से विपरीत जलवायु परिस्थितियों में भी अधिक उत्पादन देने वाली फसलें विकसित की जा सकेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि ड्रोन इमेजिंग, एआई-संचालित फसल पूर्वानुमान और स्मार्ट फार्म प्रबंधन जैसी तकनीकों से किसानों को बेहतर उत्पादन और उच्च आय प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस परियोजना से नए स्टार्ट-अप्स, बौद्धिक संपदा (आईपी), शोध प्रकाशन और कृषि जीनोमिक्स में नवाचार विकसित होंगे।

परियोजना के नेतृत्वकर्ता और उद्देश्य

आईआईटी इंदौर की प्रो. अरुणा तिवारी और प्रो. पवन कंकर इस परियोजना का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रो. अरुणा तिवारी ने कहा कि वैज्ञानिक नवाचार और कृषि पद्धतियों को एक साथ लाकर किसानों, शोधकर्ताओं और कृषि समुदाय के लिए ठोस लाभ देने का इरादा रखा गया है। यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस किसानों, गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और अन्य हितधारकों से विचार एकत्र कर एक तकनीकी नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेगा।

सुंदरलाल बर्मनhttps://majholidarpan.com/
Sundar Lal barman (41 years) is the editor of MajholiDarpan.com. He has approximately 10 years of experience in the publishing and newspaper business and has been a part of the organization for the same number of years. He is responsible for our long-term vision and monitoring our Company’s performance and devising the overall business plans. Under his Dynamic leadership with a clear future vision, the company has progressed to become one of Hindi e-newspaper , with Jabalpur district.

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